देश की राजनीति के साथ-साथ अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र युग का अंत हो गया है, ऐस में सवाल ये है कि आखिर बीजेपी का ब्राह्मण चेहरा कौन होगा. उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब दस फीसदी से ज्यादा है और जब से बीजेपी देश और प्रदेश की राजीनित में मजबूत हुई है. ब्राह्मण इन्हीं चेहरों के बहाने बीजेपी का परंपारगत वोटर रहा है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर अब ब्राह्मण किस चेहरे के सहारे बीजेपी में रहेगा.
सूत्रों की माने तो मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र का टिकट काटने और नए ब्राह्मण चेहरे की पटकथा उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद ही लिख दी गई थी. योगी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री और महेन्द्र नाथ पांडे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के ब्राह्मण और ठाकुर मतदाताओं में बेलैंस बनाने की कोशिश की लेकिन बैलेंस बनता नहीं दिखा.
इसके बाद पार्टी ने पूराने नेता शिव प्रताप शुक्ला को राज्य सभा सदस्य बनाया और केन्द्र में वित्त राज्य मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी दी.
इसके पहले गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा को भी ब्राह्मण कोटे से ही मंत्री बनाया गया था, लेकिन इन सबमें ऐसा कोई नेता नहीं है जो मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्रा की जगह ले सके.
सूत्रों की माने तो इतने सारे नेताओं को एक साथ पार्टी में बढ़ाने के प्रयोग को असफल होता देख पार्टी नेतृत्व ने कई नेताओं की बजाय अब एक ब्राह्मण नेता पर ही दाव लगाने का फैसला किया है.
वो नाम है उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा. दिनेश शर्मा ब्राह्मण होने के साथ-साथ केन्द्रीय नेतृत्व के काफ करीबी भी माने जाते हैं. ऐसे में पार्टी दिनेश शर्मा पर बड़ा दाव लगा सकती है और उन्हें इस लोकसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी देने के साथ-साथ सरकार में वापसी पर केन्द्र में मंत्री भी बनाया जा सकता है. सूत्रों की माने तो दिनेश शर्मा के लिए सुरक्षित सीट की तलाश की जा रही है और जैसे ही ये तलाश पूरी होगी उनका नाम उम्मीदवारों की लिस्ट में आ सकता है.