मान्यता है कि स्नान करने के बाद ही पूजा के लिए फूल तोड़ना चाहिए. वायु पुराण के अनुसार माना जाता है कि जो व्यक्ति बिना स्नान किए फूल या तुलसी के पत्ते तोड़ कर देवताओं को अर्पित करेगा उसकी पूजा को देवता ग्रहण नहीं करेंगे. मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा में अगस्त्य के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. इसी तरह भगवान श्रीगणेश की पूजा में तुलसी के पत्ते नहीं होने चाहिए.
मान्यता के अनुसार पूजा करते समय शुद्ध घी का दीपक अपनी बाईं ओर और तेल का दीपक दाईं ओर रखा जाना चाहिए. पूजन में देवताओं को धूप, दीप जरूर दिखाएं और भोग) भी जरूर होना चाहिए. दीपक को स्वयं कभी नहीं बुझाया जाना चाहिए. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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