Asha Parekh Love Life: 60 और 79 के दशक की मशहूर अदाकारा आशा पारेख का फिल्मी करिअर जितना सफल रहा, उतना ही उनका लव लाइफ दुखद भरा रहा. आशा पारेख ने जिस शख्स से प्यार किया, वह पहले से शादीशुदा थे, इसलिए उन्होंने उनसे शादी नहीं रचाई, लेकिन इससे भी बड़ी बात जो आज हम आपको आशा पारेख के बारे में बताएंगे, वो जान आप हैरान रह जाएंगे.
नई दिल्ली. आशा पारेख (Asha Parekh) 1960 और 1970 के दशक की सबसे सफल अभिनेत्रियों में से एक थीं. उस दौर में वह सबसे अधिक फीस पाने वाली एक्ट्रेस भी थी. उन्हें हिंदी सिनेमा में अब तक की सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है. 1992 में, उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया और 2020 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
वैसे तो आशा पारेख का फिल्मी करिअर काफी अच्छा रहा, लेकिन उनकी लव लाइफ के बारे में अगर बात करें, तो ये उनके लिए बेहद दुखद भरा रहा. दरअसल, साल 1959 में आई फिल्म ‘दिल दे के देखो’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली आशा पारेख को अपनी डेब्यू ही फिल्म की शूटिंग के दौरान ही प्यार हो गया था. वो भी इस फिल्म के डायरेक्टर से. इस फिल्म के निर्देशक थे नासिर हुसैन (Nasir Hussain), जिन्होंने ‘तीसरी मंजिल’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’ जैसी फिल्में बनाई हैं.
नासिर हुसैन की शानदार शख्सियत पर आशा अपना दिल खो बैठी थीं और देखते ही देखते दोनों एक दूसरे के प्यार में डूब गए थे. बता दें, नासिर हुसैन के साथ आशा पारेख ने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें ‘जब प्यार किसी से होता है’ (1961), ‘फिर वही दिल लाया हूं’ (1963), ‘तीसरी मंजिल’ (1966), ‘बहारों के सपने’ (1967), ‘प्यार का मौसम’ (1969) और ‘कारवां’ (1971) जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं.
नासिर और आशा की जोड़ी की चर्चा फिल्मों के साथ-साथ उनकी दोस्ती पर भी होने लगी थी. आशा पारेख ने अपनी बायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में जब इस बात का जिक्र किया, तभी ये पूरी कहानी सामने आई थी. इस किताब की लॉन्चिंग के दौरान ही आशा ने इस बात को स्वीकार किया था कि नासिर एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें उन्होंने कभी प्यार किया था.
आशा ने अपनी बायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में बताया है कि नासिर हुसैन के साथ उन्होंने सात फिल्मों में काम किया. उनसे प्यार करने के बावजूद कभी शादी करने का नहीं सोचा क्योंकि वह ‘गृहिणी’ नहीं बनना चाहती थीं, चूंकि हुसैन पहले से शादीशुदा थे, इसलिए भी वे परिवार टूटने के डर से अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाईं और अंजाम ये हुआ कि वह जीवन भर अकेले रहीं. उन्होंने किसी से शादी नहीं की और आज तक अकेली ही जिंदगी गुजार रही हैं.