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बॉलीवुड की 5 फिल्में दूर कर देंगी गलतफहमी, 20 साल आगे की थी कहानी, भूल जाएंगे हॉलीवुड, खुला रह जाएगा मुंह

मुंबई. 'सिनेमा की खासियत है कि हर बीस साल में बदल जाता है.' ये बात पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किए गए दिग्गज अभिनेता मनोज बाजपेयी एक इंटरव्यू के दौरान कही थी. बीते 20 सालों में बॉलीवुड में आ रहे प्यार, रोमांस और एक्शन फिल्मों से भी लोग कोरोना आते-आते ऊब गए थे. हालांकि सलमान, शाहरुख, आमिर और रणबीर जैसे सितारों की कई फिल्में हिट और सुपरहिट रहीं थीं. ओटीटी भी लगातार अपने पैर जमा रहा था. फिर कोरोना आया और सिनेमा की दुनिया बदल गई. थियेटर बंद हुए तो लोगों ने ओटीटी का रुख किया. लोगों को यहां नई कहानियां और एंटरटेनमेंट मिला. अब बॉलीवुड से लेकर साउथ में भी बेहतरीन कहानियां बनने लगीं हैं. लेकिन इससे पहले भी बॉलीवुड में तपन सिन्हा, सईद अख्तर मिर्जा जैसे दिग्गज डायरेक्टर्स ने खूबसूरत सिनेमा बनाया है. जो समाज को ना केवल इंस्पायर करता था बल्कि उनकी कहानियां 20 साल आगे की थीं. आप बॉलीवुड की इन 5 क्लासिक फिल्मों को देखकर आपकी ये गलतफहमी दूर हो जाएगी कि यहां सिर्फ प्यार मोहब्बत की कहानियां ही बनती हैं.

01

सलीम लंगड़े पर मत रो (Salim Langde Pe Mat Ro): हिंदु-मुसलमान के आपसी वैर में राजनीति के योगदान को हर दौर में फिल्मों में दिखाया गया. ये फिल्म भी हिंदु-मुस्लिम भाइयों के बीच सद्भाव का संदेश देती है. दिग्गज लेखक और डायरेक्टर सईद अख्तर मिर्जा की अजीब सी नाम वाली फिल्म को नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बनाई थी. फिल्म में वीरेंद्र सैनी सिनेमेटोग्राफर थे. सारंग देव ने फिल्म को संगीत दिया था. फिल्म को नेशनल बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला. इस फिल्म की कहानी एक मुस्लिम लड़के की है. जो जिंदगी में वो जान लेता है जो आम आदमी के लिए जान का खतरा बन जाता है. साल 1989 में आई इस फिल्म की कहानी आज भी उतनी ही सच्ची लगती है. इस फिल्म को देखने के बाद आपका भी दिमाग घूम जाएगा. (फोटो साभार-Instagram)

02

एक डॉक्टर की मौत (Ek Doctor Ki Maut): साल 1990 में रिलीज हुई तपन सिन्हा की फिल्म आज 30 साल बाद भी करप्ट सिस्टम और घटिया पॉलिटिक्स की सूरत बयां करती है. पंकज कपूर और शबाना आजमी स्टारर इस फिल्म में इरफान खान ने भी एक अहम किरदार निभाया था. फिल्म में डॉक्टर का रोल करने वाले पंकज कपूर अपनी जिंदगी में नेगेटिव लोगों और साइंस के प्रति अपने समर्पण की कहानी आज भी भावुक कर देने वाली है. इस फिल्म को देखकर आप कहेंगे नहीं कि बॉलीवुड में अच्छी फिल्में नहीं बनतीं. (फोटो साभार-Instagram)

03

सोल्जर (Soldier): बॉबी देओल और प्रीति जिंटा स्टारर फिल्म सोल्जर साल 1998 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म का म्यूजिक एल्बम भी सुपरहिट रहा था. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट फिल्म रही. 1998 में सोल्जर फिल्म साल की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही थी. अब्बास मस्तान की इस फिल्म बजट करीब 8 करोड़ 25 लाख रुपये रखा गया था. फिल्म ने भारत में 21 करोड़ और वर्ल्ड वाइड करीब 38 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की कमाई की थी. इस फिल्म को भी लोगों ने खूब प्यार दिया था. इस फिल्म की कहानी भी 2 असल घटनाओं से प्रेरित थी. जिसमें एक सैनिक की पत्नी के साथ किए गए जुल्म और सैनिकों की जिंदगी की झलकियां दिखाती है. (फोटो साभार-Instagram)

04

कलयुग (kalyug): दिग्गज डायरेक्टर श्याम बेनेगल की फिल्म कलयुग साल 1981 में रिलीज हुई थी. शशि कपूर ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था. शशि कपूर ऐसे स्टार थे जो मसाला फिल्मों की जगह कॉम्पलेक्स्ड और लेयर्ड फिल्में बनाने में रुचि रखते थे. इस फिल्म की कहानी महाभारत से प्रेरित थी. फिल्म की कहानी 2 परिवारों के बीच घूमती है. जिसमें परिवार के बीच आपसी मतभेद से लेकर लड़ाई तक बात पहुंचती है. फिल्म की कहानी पूरी महाभारत की तर्ज पर है. इस फिल्म को भी बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है. (फोटो साभार-Instagram)

05

गर्दिश (Gardish): जैकी श्रॉफ स्टारर फिल्म गर्दिश साल 1993 में रिलीज हुई एक एक्शन फिल्म थी. फिल्म को प्रियदर्शन ने डायरेक्ट किया था. जैकी श्रॉफ की ये लीड रोल में हिट हुई आखिरी फिल्म रही थी. फिल्म की कहानी एक लड़के की है जो जल्द ही पुलिस अधिकारी बनने वाला था. लेकिन उसके पिता पर हमला होने के बाद वो जुर्म का रास्ता अपनाता है. इस फिल्म को भी काफी पसंद किया गया था. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी हिट रही थी. (फोटो साभार-Instagram)

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    बॉलीवुड की 5 फिल्में दूर कर देंगी गलतफहमी, 20 साल आगे की थी कहानी, भूल जाएंगे हॉलीवुड, खुला रह जाएगा मुंह

    सलीम लंगड़े पर मत रो (Salim Langde Pe Mat Ro): हिंदु-मुसलमान के आपसी वैर में राजनीति के योगदान को हर दौर में फिल्मों में दिखाया गया. ये फिल्म भी हिंदु-मुस्लिम भाइयों के बीच सद्भाव का संदेश देती है. दिग्गज लेखक और डायरेक्टर सईद अख्तर मिर्जा की अजीब सी नाम वाली फिल्म को नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने बनाई थी. फिल्म में वीरेंद्र सैनी सिनेमेटोग्राफर थे. सारंग देव ने फिल्म को संगीत दिया था. फिल्म को नेशनल बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड मिला. इस फिल्म की कहानी एक मुस्लिम लड़के की है. जो जिंदगी में वो जान लेता है जो आम आदमी के लिए जान का खतरा बन जाता है. साल 1989 में आई इस फिल्म की कहानी आज भी उतनी ही सच्ची लगती है. इस फिल्म को देखने के बाद आपका भी दिमाग घूम जाएगा. (फोटो साभार-Instagram)

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