जालंधर के बस्ती गुजा की रहने वाली गुंजन अरोडा ने अपने परिवार का नाम रोशन करते हुए जालंधर की पहली महिला प्रोफेशनल पायलट होने का मान प्राप्त किया है . गुंजन अरोड़ा के दादा स्वतंत्रता सेनानी थे. गुंजन को बचपन से ही कुछ अलग करने के शौक ने उसे इंजीनियर बनने के बाद पायलट बना दिया. बेटी के पायलट बनने के बाद परिवार का सर ऊंचा हो गया है.
गुंजन स्वतंत्रता सेनानी महंत आज्ञा सिंह के परिवार से संबंध रखती है और उनकी पोती हैं. गुंजन की एक और बड़ी बहन है और जब गुंजन पैदा हुई तो दूसरी लड़की होने के चलते कुछ रिश्तेदार बातें कर रहे थे. लेकिन कुछ रिश्तेदार ऐसे भी थे जिन्होंने कहा था कि आप की लड़की आप का नाम रोशन करेगी.
पंजाब की थापर यूनिवर्सिटी से इंजीनियर की पढ़ाई पास करने के बाद सुबह 9 से 5 बजे की जॉब ना करके वह कुछ अलग करना चाहती थी और उसके परिवार से इसकी इच्छा जाहिर की. लेकिन परिवार चाहता था कि यह विदेश से कोई डिग्री या कोर्स कर ले.
लेकिन बेटी की जिद ने उसको पायलट की ट्रेनिंग दिलवाई और पहले वह पायलट ट्रेनर बनी और उसके बाद देश में घरेलू एयर कंपनी इंडिगो में पायलट के तौर पर तैनात हुई. गुंजन अब तक लगभग 1200 घंटे फ्लाई कर चुकी है.
गुंजन के पायलट बनने के बाद गुंजन के परिवार में खुशी का माहौल है और उसके माता पिता का कहना है कि बेटी के मन में शुरू से ही कुछ अलग करने की इच्छा थी लेकिन हम कुछ और चाहते थे. पर बेटी की एक बात ने उसको पायलट बनने के लिए भेज दिया. जिसके बाद गुंजन ने छे टेस्ट पास करने के बाद कानपुर में पायलट की ट्रेनिंग ली. अब उनके परिवार को उस पर गर्व महसूस होता है कि उनकी बेटी जालंधर की पहली पायलट बनी है.