धान की उन्नत खेती करने वाले किसानों का कहना है कि धान की परांपरगत बिजाई करने में पौध तैयार करने और और रोपाई करने में खर्च के साथ-साथ अत्याधिक मात्रा में पानी की खपत होती है जिससे किसानों को समय और आर्थिक रूप से बोझ़ अधिक पड़ता है. वहीं धान की सीधी बिजाई करने में न तो पानी की अधिकत खपत होती है न ही खर्च बढ़ता है.
नमी वाली जमीन पर सीधी धान की रोपाई की जा सकती है. किसानों का कहना है कि इस पद्धति से खेती करने में समय के साथ-साथ लेबर की कम जरूरत होती है. धान की पौध तैयार करने से लेकर बिजाई करने तक के सीजन के दिनों लेबर की समस्या हो जाती है जिससे महंगे दामों पर लेबर मिलती है और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
पुण्यतिथिः सोनिया गांधी ने जवाहर लाल नेहरू को दी श्रद्धांजलि, तस्वीरों में देखिये 'स्मरण कार्यक्रम' की झलक
Las Vegas में Rashami Desai ने ढाया खूबसूरती का कहर, एक्ट्रेस के ग्लैमरस लुक से नहीं हट रही फैंस की नजर
41 साल की Shweta Tiwari को फैन ने बताया 23 साल की लड़की, एक्ट्रेस को मिला शादी का प्रपोजल
हर हफ्ते दुल्हन बनकर तैयार होती है महिला, 16 साल से चल रहा है अजीबोगरीब सिलसिला !