कैप्टन अभिलाषा वर्ष 2018 में सेना की एयर डिफेंस कोर में शामिल हुई थीं और कई प्रोफेशनल मिलिट्री कोर्स कर चुकी है. कॉम्बेट एविएटर बनने के लिए उन्होनें अपने बाकी पायलट साथियों की तरह ही छह महीने का कोर्स किया है.
नई दिल्ली. हरियाणा के पंचकूला जिले की रहने वाला कैप्टन अभिलाषा बराक बुधवार को भारतीय सेना की पहली ‘कॉम्बेट एविएटर’ (लड़ाकू विमान चालक) बनीं. अधिकारियों ने बताया कि नासिक स्थित कॉम्बेट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में आयोजित समारोह में उन्हें सेना के 36 अन्य पायलटों के साथ ‘विंग्स’ प्रदान किया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि कैप्टन बराक पहली सफल महिला अधिकारी बन गई हैं. जो सेना के उड्डयन कमान में शामिल हुई हैं. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में एविएशन कोर की टेक्टिकल इम्पोर्टेंस बढ़ने जारी है और एक फोर्स-मल्टीप्लायर के तौर पर आर्मी की मदद करेगी.
उन्होंने यह उपलब्धि कॉम्बेट आर्मी एविएशन पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद हासिल किया है. कैप्टन बराक हरियाणा की रहने वाली हैं और सितंबर 2018 में उन्हें सेना के हवाई रक्षा कोर में कमीशन मिला था. वह कर्नल (अवकाश प्राप्त) एस ओम सिंह की बेटी हैं.
कैप्टन अभिलाषा वर्ष 2018 में सेना की एयर डिफेंस कोर में शामिल हुई थीं और कई प्रोफेशनल मिलिट्री कोर्स कर चुकी है. कॉम्बेट एविएटर बनने के लिए उन्होनें अपने बाकी पायलट साथियों की तरह ही छह महीने का कोर्स किया है.
अधिकारी ने बताया कि कैप्टन अभिलाषा ने सेना के उड्डयन में शामिल होने से पहले कई सैन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों को पूरा किया था. सेना की एविएशन कोर को वर्ष 1986 में स्थापित किया गया था. एविएशन कोर के हेलीकॉप्टरर्स की जिम्मेदारी सेना की आखिरी चौकी पर तैनात सैनिकों को खाना-राशन हथियार और दूसरा जरुरी सामान पहुंचाना है. ये ऐसी चौकियां हैं जहां सड़क मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता है.