Women’s Day: हादसे ने छीन लिए दोनों हाथ तो डॉ. सुनीता ने पैरों से लिखी तकदीर

दोनों हाथ नहीं होने के बावजूद अपनी हिम्मत से एक नया मुकाम हासिल किया है. सुनीता अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की एथलीट हैं.

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