हाथ में कंडक्टर का झोला उठाये टिकट काटती शेफाली को कल ही सिरसा रोडवेज में परिचालक के पद पर नियुक्ति मिली है. फ़िलहाल शेफाली की सिरसा से कागदाना रूट पर ड्यूटी लगी है. शैफाली स्नातक करने के बाद अब लोक प्रशासन में एमए कर रही है. इसके साथ ही उसने जेबीटी भी किया है.
शैफाली का कहना है कि वह आइएएस बनना चाहती है. पढ़ाई के लिए आत्मनिर्भर बन सके, इसके लिए फार्म भरे थे और बहुत खुश है कि उसे नौकरी मिल गई है. टिकट काटने का अनुभव कम है परंतु बसों में कई बार यात्रा की है और आत्मविश्वास है कि जल्द ही अपने कार्य को निपुणता से करूंगी.
शैफाली को विभाग ने सिरसा कागदाना रूट दिया, जो कि उसका पैतृक गांव है और गांव का ही रूट मिलने पर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है. शेफाली के अलावा सिरसा में एक और महिला परिचालक की नियुक्ति की गई है, जिसे सिरसा से ऐलनाबाद के रूट पर ड्यूटी पर लगाया गया है.
शैफाली का कहना है की जिंदगी में कुछ अलग करना चाहती थी, इसी लिए नौकरी ज्वाइन की है. नौकरी करके आत्मनिर्भर बनूंगी और अपनी पढ़ाई को भी आगे जारी रख सकूंगी. शिफाली का सपना है की एक दिन आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सके.
शैफाली का कहना है की लड़किया किसी से कम नहीं है. उसने कल से ड्यूटी को ज्वाइन किया है, आज उसका दूसरा दिन है कल वो गांव कागदाना में बस को लेकर गई थी. कल एक ही रूट को कवर किया था. आज वो दूसरी बार बस को रूट पर लेकर जा रही है.
शैफाली कहती है की उनके परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है. अभी उनकी नियुक्ति टेम्परेरी बेस्ड पर हुई है. अगर सरकार उन्हें पक्का करेगी तो वो अपनी जॉब बखूबी निभाएंगी.