हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में सर्दी का मौसम बेहद तकलीफ भरा होता है. इस मुश्किल भरे समय से जूझने के लिए इस इलाके में कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं.
यहां के लोग स्थानीय व कुल देवता की पूजा करते हैं. यहां निशानेबाजी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होता है.
इस इलाके में सर्दियों के मौसम में मनाए जाने वाले त्योहारों में हालडा प्रमुख है. यहां का पर्व किसी जाति या वर्ग विशेष का ना होकर संपूर्ण समाज का हुआ करता है.
यह एक प्रकार से उत्तरी भारत के हिन्दू धर्मानुयानियों के द्वारा मनाये जाने वाले प्रकाश पर्व दिवाली का ही पर्वतीय प्रतिरूप है.
यहां करीब छह महीने बर्फ की परतें जमी रहती हैं. लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद यहां कबायली क्षेत्र के लोगों के चेहरों पर कभी मायूसी नहीं छाती है.
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