हिमाचल प्रदेश में केलांग जिले के लाहौल घाटी में दो महीने से चन्द्रा घाटी के चार पंचायतों में दूरसंचार सेवा ठप है. परिजनों से बातचीत करने के लिए 40 किलोमीटर भारी बर्फबारी में पैदल चलकर केलांग आना पड़ रहा है.
इस कारण घाटी के लोगों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ खासा रोष है. बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद प्रशासन और सरकार कोई सुध नहीं ले रहा है. इससे लाहौल घाटी के लोग चौतरफा मार का सामना कर रहे है.
एक तरफ कुदरत की सफेद आफत से पूरे जनजातीय इलाके के लोग परेशान हैं, वहीं सरकार और प्रशासन की बेरूखी से चन्द्रा घाटी के चार पंचायत के लोग बेहद परेशान हैं.
यही हाल पट्टन घाटी और तोद घाटी के लोगों का भी है. लोगों को अपने परिवार वालों की कुशलता जानने के लिए भारी हिमपात और हिमस्खलन के खतरे के बीच 20-30 किलोमीटर पैदल चल कर टेलीफोन करने के लिए मुख्यालय केलांग आना पड़ रहा है.
चन्द्रा घाटी, तोद घाटी और पट्टन घाटी के लोगों ने समस्या की गंभीरता के बारे में कई बार सरकार और प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.
सिर्फ जिला मुख्यालय केलांग, उदयपुर और गौशाल टावर के आसपास के चन्द इलाकों में ही दूरसंचार सेवा सुचारू है. कुछ ऐसा ही हाल सड़क मार्ग बहाली का है.
सीमा सड़क संगठन ने पिछले सोमवार को केलांग से कोकसर की ओर सड़क से बर्फ हटाने का काम शुरू किया था, लेकिन अभी यह काफिला तांदी पुल के आसपास तक ही पहुंचा है.
लोगों को आरोप है कि पर्याप्त मशीनरी नहीं होने से सड़क बहाली का कार्य धीमा चल रहा है. घाटी के लोगों ने दूरसंचार सेवा और सड़क मार्ग शीध्र बहाल करने की गुहार लगाई है.
Women's day 2021: IPC की वो 6 धाराएं, जो महिलाओं के अधिकारों को पुख्ता बनाती हैं
'जीरो' से लेकर 'तीस मार खां' तक, इन फिल्मों में नहीं चला सलमान खान के कैमियो का जादू
नुसरत भरुचा का ग्रे जंपसूट में सुपर बोल्ड अवतार वायरल, फोटोज ने इंटरनेट पर मचाया हंगामा
शराब के चक्कर में करोड़पति से भिखारी बने शख्स की कहानी, तस्वीरों की जुबानी