Shinkula Pass Avalanche: लाहौल स्पीति के डीसी सुमित खिमटा ने बताया कि रेस्क्यू टीम मंगलवार को रेस्क्यू टीम केलांग लौट आई है और अब बुधवार को सर्च ऑपरेशन चलेगा.
केलांग. हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में शिंकुला दर्रे के पास दारचा के छीका गांव में एवलांच आने से बीआरओ के दो मजदूरों की मौत हो चुकी है. वहीं, बर्फ में दबे तीसरे मजूदर की तलाश जारी है. एवलांच के 48 घंटे बाद भी मजदूर का पता नहीं चल पाया है.
मजदूर पासँग छेरिंग लामा (27) गांव चोरा पतरासी, जुमला निवासी नेपाल को रेस्क्यू टीम मंगलवार को भी नहीं तलाश पाई और आईटीबीपी के जवानों को निराश होकर लौटना पड़ा.
दरअसल, यह इलाका पूरी तरह से बर्फ से अटा पड़ा है और ठंड की वजह से भी मजदूर को तलाशना काफी मुश्किल है. साथ ही दोबारा एवलांच का भी खतरा बना हुआ है.
लाहौल स्पीति के डीसी सुमित खिमटा ने बताया कि रेस्क्यू टीम मंगलवार को रेस्क्यू टीम केलांग लौट आई है और अब बुधवार को सर्च ऑपरेशन चलेगा. उन्होंने बताया कि भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस के नेतृत्व में गठित टीम युवक की तलाश में जुटी है.
जानकारी के अनुसार,भारी बर्फबारी के कारण दारचा में भी सड़क मार्ग पर ग्लेशियर आ गया था और बीआरओ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद हटाया. तब जाकर रेस्क्यू टीम आगे गई. मंगलवार को छीका में घटनास्थल पर दोपहर ढाई बजे यह टीम एलवांच वाली जगह पर पहुंची.
बाद में शाम ढलते ही तापमान -25 से 30 डिग्री होने और रोशनी की कमी के कारण खोज अभियान में दिक्कत होने की वजह से टीम वापस लौट आई है .
गौरतलब है कि शिंकुला दर्रा पर मौजूद घटना स्थल 16 हजार फीट की ऊंचाई पर है. यहां पर हालात विपरित हैं. ग्लेशियर स्थल 5 सौ वर्ग मीटर में फैला है. ऐसे में युवक की तलाश करना किसी चुनौती से कम नहीं है.
बता दें कि सोमवार शाम को यह एवलांच आया था. इसमें चंबा और नेपाल के मजूदर की मौत हो गई थी. इन दोनों मजदूरों के शव को बरामद कर लिए गए थे, लेकिन तीसरे युवक की तलाश जारी है.