Kullu Dusshera 2021: सात दिवसीय देवमहाकुंभ विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आगाज हो गया है. इस दौरान भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं, कुल्लू जिले के विभिन्न भागों से 332 देवताओं को आमंत्रित किया गया था और 170 इस उत्सव में भाग ले रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में सात दिवसीय देवमहाकुंभ विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आगाज हो गया. भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा के साथ देवी-देवताओं के महाकुंभ में पारम्परिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी.
देवी देवताओं की पालकी ढालपुर स्थित एतिहासिक रथ मैदान में पंहुचते ही माहौल भक्तिमय हो गया और पूरा शहर भगवान रघुनाथ के जयकारों के साथ गुंज उठा, लेकिन इस दौरान कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ गईं. सोशल डिस्टेंसिंग और बिना मास्क के लोग ढालपुर मैदान में उमड़ पड़े.
भगवान रघुनाथ के दर्शन और उनके रथ को खींचने के लिए हजारों की संख्या में लोग ढालपुर के रथ मैदान में एकत्रित हुए थे. इससे पहले रघुनाथपुर में सुबह से देवी देवताओ के आने का सिलसिला चलता रहा.
दोपहर बाद भगवान रघुनाथ अपनी पालकी में सवार होकर ढापलपुर के लिए रवाना हुए और पूरी घाटी जय श्रीराम के स्वरों से गूंज उठी.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भगवान श्री रघुनाथ जी की रथयात्रा में भाग लेकर महोत्सव का शुभारम्भ किया. उनके साथ हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा भी थे.
राज्यपाल ने दशहरे के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेषकर घाटी के लोगों को बधाई दी. यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति अनूठी है और इसकी एक अलग पहचान है.
उन्होंने कहा कि यहां वर्ष भर मनाए जाने वाले मेले और त्यौहार लोगों की समृद्ध परंपराओं और मान्यताओं के द्योतक हैं. कुल्लू जिले के विभिन्न भागों से 332 देवताओं को आमंत्रित किया गया था और 170 इस उत्सव में भाग ले रहे हैं.
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