हिमाचल प्रदेश के फ्लाइंग ऑफिसर कार्तिक ठाकुर के परिजनों ने अपने बेटे की मौत मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है.
मंगलवार को कार्तिक का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान कार्तिक के पिता परविंदर और अन्य रिश्तेदारों का कहना है कि कार्तिक एक अच्छा तैराक था और छठी कक्षा से उसने तैरना सीख लिया था. ऐसे में एक छोटे से स्वीमिंग पूल में उसकी डूबने से मौत कैसे हो सकती है?
23 वर्षीय कार्तिक ठाकुर मंडी जिला की लड़भड़ोल तहसील के लाहला गांव का रहने वाला था और कोलकाता में वायुसेना में बतौर फ्लाइंग ऑफिसर तैनात था. रविवार को उसकी मौत हो गई है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत होने की बात सामने आई है. लेकिन परिजन यह मानने को तैयार नहीं है.
मंगलवार सुबह कार्तिक ठाकुर का शव उनके पैतृक गांव लाहला पहुंचा. जहां अंतिम दर्शनों के बाद महाकाल स्थित श्मशानघाट पर कार्तिक ठाकुर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
कार्तिक के चचेरे भाई ओजस ठाकुर ने चिता को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार में सांसद राम स्वरूप शर्मा, विधायक प्रकाश राणा और मुल्खराज प्रेमी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे. सांसद राम स्वरूप शर्मा ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी.
कार्तिक अपने परिवार का इकलौता चिराग था. कार्तिक की छोटी बहन कृतिका ठाकुर बीडीएस कर रही है. पिता बीएसएफ में एएसआई के पद पर तैनात हैं, जबकि माता लता ठाकुर गृहिणी है. कार्तिक ठाकुर की मृत्यु से पूरा परिवार सदमे में है.
कार्तिक ने तीन साल पहले सीडीएस की परीक्षा पास की वायु सेना ज्वाइन की थी. बता दें कि कार्तिक के मामा प्रदेश कांग्रेस सचिव प्रेमनाथ हैं. साथ ही उनकी दादी मतेहड़ पंचायत की प्रधान हैं. वह हैदराबाद में तैनात थे और इन दिनों एक्साइज डयूटी पर कोलकाता गए थे. कार्तिक की प्रारंभिक पढ़ाई बैजनाथ और बाद में सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा 12 तक की पढ़ाई की थी.