हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. हालांकि, अब तक किसी तरह के जानी नुकसान की खबर नहीं, लेकिन सरकारी और निजी संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचा है.
सूबे के 12 जिलों में शुक्रवार को जमकर बारिश हुई है. मंडी में चंडीगढ़ मनाली हाईवे पर पत्थर गिरे हैं. इसके अलावा, किन्नौर में काजा को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बंद है. यहां रिब्बा नाले में बाढ़े के बाद पुल बहा है.
किन्नौर में तीन जगह बादल फटे हैं. किन्नौर ज़िला में तीन से अधिक स्थानों पर बादल फटने और बाढ़ आने से 4 जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली 3212 मेगावॉट बिजली उत्पादन ठप हो गया है.
नेशनल हाइवे 5 दो स्थानों पर अवरुद्ध है और पूर्वनी को जोड़ने वाले तांगलिंग पुल भी बह गया है. कानम नामक स्थान में बाढ़ की चपेट में आने से एक पिकअप भी बह गया.
कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के कटागला में शुक्रवार सुबह सवेरे बाढ़ आने से गांव में दहशत का माहौल है. पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण कटागला नाले में पानी के साथ भारी मलबा आया है. इस कारण गांव के लोग घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर भागे हैं.
हिमाचल में इस म़ॉनसून सीजन में अब तक 21 लोगों की जान गई है. इसके अलावा, गुरुवार शाम तक 332 करोड़ का नुकसान प्रदेश को हो चुका है. शुक्रवार का आंकड़ा और नुकसान की रिपोर्ट आना बाकी है.
सिरमौर की गिरी नदी पर जातो डैम खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. यहां खतरे का निशान 615.70 मीटर है, जिसके मुकाबले 615,30 मीटर तक पानी पहुंच गया है.
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