Operation Amritpal: स्वप्न शर्मा को 4 बार DGP डिस्क अवार्ड से सम्मानित किया. 24 जनवरी 2023 को पंजाब सरकार में उन्हें डीआईजी के पद पर प्रमोट किया. वह दो बार एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस में भी तैनता रहे. अब उन्हें खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को पकड़ने का जिम्मा मिला है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश को वीरों की भूमि कहा जाता है. भारतीय सेना और पुलिस में यहां से कई युवा अपना लोहा मनवा चुके हैं. इन्हीं जाबांजों में एक नाम है, आईपीएस अधिकारी डीआईजी स्वप्न शर्मा का. वह फिलहाल, पंजाब में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल की गिरफ्तारी से जुड़े ऑपरेशन अमृतपाल को लीड कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, स्वप्न शर्मा दो महीने पहले ही पंजाब पुलिस में डीआईजी बनाया गया है. ऐसे में डीआईजी बनने के दो महीने बाद ही उन्हें अमृतपाल सिंह को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया है.
डीआईजी स्वप्न शर्मा 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इससे पहले उन्होंने हिमाचल प्रशासनिक सेवा का एग्जाम क्लियर किया था और वह चौपाल में बीडीओ रहे हैं. लेकिन साल 2009 में उन्होंने यूपीएसी का एग्जाम पास किया और आईपीएस बने.
स्वप्न शर्मा के पिता कर्नल महेश शर्मा भारतीय सेना से रिटायर हुए हैं, जबकि मां बीना शर्मा गृहिणी हैं. स्वपन शर्मा का जन्म 10 अक्टूबर, 1980 को कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी के ढोग गांव में हुआ है.
स्वप्न शर्मा ने बठिंडा के ज्ञानी जैल सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. साल 2008 में वह शिमला के चौपाल में एचएएस परीक्षा पास करने के बाद 9 माह तक बीडीओ रहे थे.
स्वप्न शर्मा ने साल 2009 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद पंजाब कैडर चुना. राजपुरा, लुधियाना और दूसरे कई शहरों में तैनात रहे. दस महीने पंजाब के मुख्यमंत्री की सिक्योरिटी में भी तैनात रहे. फाजिल्का, बठिंडा, रोपड़, संगरूर, जालंधर और अमृतसर ग्रामीण में एसएसपी रहते हुए उन्होंने शराब तस्करों और गैंगस्टर के खिलाफ अभियान चलाए और अपनी सख्त कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहे.
स्वप्न शर्मा को 4 बार DGP डिस्क अवार्ड से सम्मानित किया. 24 जनवरी 2023 को पंजाब सरकार में उन्हें डीआईजी के पद पर प्रमोट किया. वह दो बार एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस में भी तैनता रहे. अब उन्हें खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल को पकड़ने का जिम्मा मिला है.