ट्रिपल आईटी के छात्र-छात्राओं ने ई-बाइक तैयार करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली इस बाइक की कई सारी खूबियां हैं. 350 वाट की मोटर और 850 वाट की बैटरी से चलने वाली यह बाइक करीब डेढ़ घंटे की चार्जिंग में पूरी तरह चलने के लिए तैयार हो जाती है. वहीं, एक बार चार्ज करने के बाद यह करीब 40 से 50 किलोमीटर तक का सफर भी तय कर सकती है.
संस्थान के निदेशक एस. सेल्वकुमार और रजिस्ट्रार अमरनाथ गिल का कहना है कि जरूरत अनुसार इसी बाइक की क्षमता को बढ़ाया भी जा सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस ई-बाइक को जिला मुख्यालय के बाजार में उपलब्ध साजों सामान के साथ ही तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि इकलौते पीस को तैयार करने के लिए करीब 40 हज़ार रुपये का खर्च आया है.उन्होंने दावा किया कि यदि व्यवसायिक उत्पादन की श्रेणी में ऐसी बाइक को लाया जाए तो इसकी लागत और भी कम होगी. वहीं, अधिकारियों ने संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार किए गए दो विशेष प्रकार के ड्रोन के बारे में भी जानकारियां सांझा कीं.
ट्रिपल आईटी के स्टूडेंट्स ने महज 40 हज़ार रुपये में ई-बाइक तैयार कर सभी को चौंका दिया है. करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली यह बाइक एक बार चार्ज करने से 40 से 50 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. हालांकि इस ई-बाइक में आगामी दिनों में मोडिफिकेशन के लिए भी पूरी गुंजाइश रखी गई है. जिसके तहत इसकी बैटरी को बढ़ाने या फिर अन्य साजो सामान लगाने के लिए हर प्रकार से सुविधा उपलब्ध रहेगी. पिछले दिनों देश भर में ही बाइक में आगजनी की घटनाएं सामने आने से भी इस क्षेत्र के प्रति काफी संशय पैदा हुआ. लेकिन ट्रिपल आईटी के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार की गई यह बाइक पूरी तरह से आगजनी से सुरक्षित भी बताई गई है.
इस बाइक की खूबियां बताते हुए ट्रिपल आईटी के निदेशक एस. सेल्वकुमार और रजिस्ट्रार अमरनाथ गिल ने बताया कि सिंगल पीस मैन्युफैक्चरिंग में करीब 40 हज़ार रुपये का खर्च निर्माण पर आया है. उन्होंने कहा कि यदि इस बाइक का व्यावसायिक उत्पादन किया जाता है तो इसके निर्माण में और भी कम लागत होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि इस इ-बाइक का निर्माण स्थानीय मार्केट में उपलब्ध साजो सामान से ही किया गया है. इसके कंपोनेंट्स और अन्य उपकरणों को जरूरत अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है. जिसके तहत इसमें बड़ी बैटरी भी जोड़ी जा सकती है.
हाल फिलहाल इसमें करीब 350 वाट की मोटर और 850 वाट की बैटरी रखी गई है. इसकी सबसे खास बात यह है कि एक डेढ़ घंटे में पूरी तरह चार्ज भी हो जाती है. उन्होंने बताया कि यह संस्थान यहां पर वर्ष 2014 में स्थापित किया गया था. उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थानीय बाजार में उपलब्ध कंपोनेंट्स के आधार पर एक ही बाइक को तैयार किया गया है. लेकिन इसके अतिरिक्त संस्थान के छात्र-छात्राएं कई सारी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.
संस्थान के निदेशक एस. सेल्वकुमार ने बताया कि बाइक के अतिरिक्त दो विशेष ड्रोन पर भी यहां के स्टूडेंट्स काम कर रहे हैं. इन दोनों ड्रोन की विशेषताएं बताते हुए संस्थान निदेशक ने बताया कि इनमें से एक ड्रोन विभिन्न समारोहों में भाग लेने वाले मुख्य अतिथि पर पुष्प वर्षा करने का काम करता है जबकि दूसरा ड्रोन ऐसे ही समारोहों में फोटोग्राफी के काम को अंजाम देता है. उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में भी आगामी दिनों में और सुधार किया जाएगा ताकि इन्हें प्रोफेशनल तरीके से बाजार में उतारा जा सके.
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