पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड के सोनारपाड़ा गांव निवासी बिट्टू कुमार दास इंजीनियर की पढ़ाई पूरी कर मछली पालन को बढ़ावा देने में जुटे हैं. बिट्टू अपने गांव बायोफ्लॉक टेक्नोलॉजी से बड़े पैमाने पर मछली पालन कर रहे हैं.
पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक बिट्टू ने कोरोना लॉकडाउन में कॉलेज बंद होने के बाद मछली पालन के कारोबार को बढ़ाने का फैसला लिया. वैसे उसने इस क्षेत्र में एक साल पहले कदम रखा था. लेकिन लॉकडाउन के बाद इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया.
बिट्टू दास अब इस कारोबार से हर महीने लगभग 25 हजार रुपये की कमाई कर रहे हैं. साथ ही गांव के चार परिवारों को रोजगार भी दिया है. उनके पास अगल-बगल के गांव के लोग मछली पालन के गुर सिखने आते हैं. पड़ोसी राज्य बंगाल के लोग भी मछली पालन की आधुनिक विधि सीखने पहुंच रहे हैं.
शुरुआत में इस काम में बिट्टू को कुछ परेशानी आई, लेकिन अपने हौसले के बल पर वह आगे बढ़ते गए. वह बंगाल से जीरा लाकर मछली उत्पादन कर बंगाल के बाजारों में बेचते हैं. बिट्टू दास के मुताबिक देसी मछली पालने से मुनाफा काफी अधिक होता है.
बिट्टू दास ने बीटेक करने के बाद बंगाल के एक पॉलटेक्निक कॉलेज में शिक्षक की नौकरी शुरू की थी. लॉकडाउन में कॉलेज बंद होने पर उन्होंने मछली पालन शुरू कर दिया.
Photos: दिल्ली में किसानों का जमकर हंगामा, पुलिस से कई जगह झड़प
Republic Day: आसमान में दिखी भारत की ताकत, राफेल समेत गरजे कई विमान
Republic Day 2021: लद्दाख में माइनस 25 डिग्री तापमान में ITBP जवानों ने मनाया गणतंत्र दिवस
वरुण धवन और नताशा की इन तस्वीरों को कहीं आपने तो नहीं कर दिया मिस, देखें Unseen Pics