जापान के तट पर गुरुवार को ईंधन भरने के दौरान अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट हादसे का शिकार हो गए. ये हादसा हवा में ईंधन भराने के दौरान हुआ.
इस घटना में 6 नौसैनिक लापता हो गए हैं. दुर्घटनाग्रस्त विमानों में एक F-18 फाइटर और दूसरा C-130 टैंकर था. एक एयरमैन को बचा लिया गया है. हालांकि बाकी नौसैनिकों के बारे में जानकारी नहीं मिली है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक C-130 में 5 क्रू मेंबर सवार थे, जबकि F-18 में 2 क्रू मेंबर थे.
इस प्लेन में एयर रिफ्यूलिंग की जा रही थी. पहले विमानों को ईंधन भरवाने के लिए लैंडिंग की जरूरत पड़ती थी. लेकिन बाद में ऐसी तकनीक विकसित की गई जिससे विमान को बिना जमीन पर उतारे हवा में ही उसमें ईंधन भर दिया जाता है. ऐसा प्रयोग लड़ाकू विमानों में खासकर होता रहा है. पहली बार 1923 में विमान की एयर रिफ्यूलिंग की गई थी.
अभी तक फाइटर जेट में उड़ान के दौरान हवा में रिफ्यूलिंग भारत में नहीं होती थी लेकिन भारत में पहली बार बड़े विमान में एयर टू एयर रिफ्यूल किया गया है. पिछले साल ही भारतीय वायुसेना के स्वदेशी एम्ब्रायर ट्रांसपोर्ट विमान ने यह कारनामा कर एक नई उपलब्धि हासिल की थी.
हिंदुस्तान में पहली बार अर्ली वार्निंग कंट्रोल सिस्टम से युक्त बड़े विमान में हवा में ही ईंधन भरने का कारनामा भारतीय वायुसेना ने किया था. पिछले ही साल वायुसेना के विमान के जरिए पहली बार एयर टू एयर रिफ्यूलिंग का काम हुआ था.
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