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इन कामों को निपटाने के मामले में इंसानों को कोसों पीछे छोड़ चुके हैं रोबोट्स

ये मत समझिएगा कि यहां फिल्मी चिट्टी की बात हो रही है. यहां सचमुच के रोबोट्स की बात हो रही है. ये ऐसे रोबोट्स हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में जबरदस्त काम कर रहे हैं.

news18 hindi | November 30, 2018, 12:36 PM IST
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 भारत में फिलहाल रजनीकांत, अक्षय कुमार स्टारर 2.0 की धूम है. और चिट्टी रोबोट बने रजनीकांत की बहुत वाहवाही हो रही है. वहीं वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (WEF) की रिपोर्ट से सामने आया है कि आने वाले 7 सालों में यानि 2025 तक इंसान का आधे से ज्यादा काम (करीब 52 फीसदी) मशीनें करने लगेंगी. अभी इंसान के टोटल काम का केवल 29 फीसदी मशीनें करती हैं.  भारत में फिलहाल रजनीकांत, अक्षय कुमार स्टारर 2.0 की धूम है. और चिट्टी रोबोट बने रजनीकांत की बहुत वाहवाही हो रही है. वहीं वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (WEF) की रिपोर्ट से सामने आया है कि आने वाले 7 सालों में यानि 2025 तक इंसान का आधे से ज्यादा काम (करीब 52 फीसदी) मशीनें करने लगेंगी. अभी इंसान के टोटल काम का केवल 29 फीसदी मशीनें करती हैं.

भारत में फिलहाल रजनीकांत, अक्षय कुमार स्टारर 2.0 की धूम है. और चिट्टी रोबोट बने रजनीकांत की बहुत वाहवाही हो रही है. वहीं वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (WEF) की रिपोर्ट से सामने आया है कि आने वाले 7 सालों में यानि 2025 तक इंसान का आधे से ज्यादा काम (करीब 52 फीसदी) मशीनें करने लगेंगी. अभी इंसान के टोटल काम का केवल 29 फीसदी मशीनें करती हैं.

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 इस रिपोर्ट का मानना है कि ऐसे में पूरी दुनिया में 7.5 करोड़ लोगों को अपनी नौकरियां खोनी पड़ेंगी. लेकिन खुशी की बात यह भी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद से 13.3 करोड़ नई नौकरियां भी आयेंगी. ऐसे में जितनी जॉब जायेंगी उससे 5.8 करोड़ ज्यादा नई नौकरियां भी मार्केट में आ जाने की उम्मीद है. हालांकि दोनों एक जैसी नहीं होंगीं. भारी काम रोबोट को मिलेंगे और दिमाग लगाने वाले इंसान को. अभी भी ऐसे कई काम हैं जिनके लिए रोबोट इंसान से ज्यादा मुफीद हैं. जानिए उन कामों के बारे में -  इस रिपोर्ट का मानना है कि ऐसे में पूरी दुनिया में 7.5 करोड़ लोगों को अपनी नौकरियां खोनी पड़ेंगी. लेकिन खुशी की बात यह भी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद से 13.3 करोड़ नई नौकरियां भी आयेंगी. ऐसे में जितनी जॉब जायेंगी उससे 5.8 करोड़ ज्यादा नई नौकरियां भी मार्केट में आ जाने की उम्मीद है. हालांकि दोनों एक जैसी नहीं होंगीं. भारी काम रोबोट को मिलेंगे और दिमाग लगाने वाले इंसान को. अभी भी ऐसे कई काम हैं जिनके लिए रोबोट इंसान से ज्यादा मुफीद हैं. जानिए उन कामों के बारे में -

इस रिपोर्ट का मानना है कि ऐसे में पूरी दुनिया में 7.5 करोड़ लोगों को अपनी नौकरियां खोनी पड़ेंगी. लेकिन खुशी की बात यह भी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने के बाद से 13.3 करोड़ नई नौकरियां भी आयेंगी. ऐसे में जितनी जॉब जायेंगी उससे 5.8 करोड़ ज्यादा नई नौकरियां भी मार्केट में आ जाने की उम्मीद है. हालांकि दोनों एक जैसी नहीं होंगीं. भारी काम रोबोट को मिलेंगे और दिमाग लगाने वाले इंसान को. अभी भी ऐसे कई काम हैं जिनके लिए रोबोट इंसान से ज्यादा मुफीद हैं. जानिए उन कामों के बारे में -

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 गोदाम में काम करने वाले मजदूर- कई जगह अमेजन के गोदामों में अभी भी ज्यादातर लोग नहीं काम करते. चीजों को उठाने-रखने या ले जाने के लिए रोबोट्स से ही काम लिया जाता है. दुनिया भर में अमेजन के करीब 20 सेंटरों पर 45,000 रोबोट काम करते हैं. यहां की कुल वर्कफोर्स का 50 फीसदी. ऐसे में जो काम करने में इंसानों को एक घंटा या उससे भी ज्यादा का वक्त लगता, उसे रोबोट्स मात्र 15 मिनट में कर देते हैं.  गोदाम में काम करने वाले मजदूर- कई जगह अमेजन के गोदामों में अभी भी ज्यादातर लोग नहीं काम करते. चीजों को उठाने-रखने या ले जाने के लिए रोबोट्स से ही काम लिया जाता है. दुनिया भर में अमेजन के करीब 20 सेंटरों पर 45,000 रोबोट काम करते हैं. यहां की कुल वर्कफोर्स का 50 फीसदी. ऐसे में जो काम करने में इंसानों को एक घंटा या उससे भी ज्यादा का वक्त लगता, उसे रोबोट्स मात्र 15 मिनट में कर देते हैं.

गोदाम में काम करने वाले मजदूर- कई जगह अमेजन के गोदामों में अभी भी ज्यादातर लोग नहीं काम करते. चीजों को उठाने-रखने या ले जाने के लिए रोबोट्स से ही काम लिया जाता है. दुनिया भर में अमेजन के करीब 20 सेंटरों पर 45,000 रोबोट काम करते हैं. यहां की कुल वर्कफोर्स का 50 फीसदी. ऐसे में जो काम करने में इंसानों को एक घंटा या उससे भी ज्यादा का वक्त लगता, उसे रोबोट्स मात्र 15 मिनट में कर देते हैं.

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 बारटेंडर- रॉयल कैरेबियन क्रूज़ पर आप हों और आपके बारटेंडर के तौर पर रोबोट हो तो चौंकिएगा मत. क्योंकि ऐसा पहले से ही हो रहा है. रोबोट यह काम इंसानों से ज्यादा अच्छे से कर रहे हैं. ये रोबोट एक मिनट में 2 ड्रिंक बना पाने में भी सक्षम हैं. और दिनभर में हज़ारों ड्रिंक तैयार कर रहे हैं.  बारटेंडर- रॉयल कैरेबियन क्रूज़ पर आप हों और आपके बारटेंडर के तौर पर रोबोट हो तो चौंकिएगा मत. क्योंकि ऐसा पहले से ही हो रहा है. रोबोट यह काम इंसानों से ज्यादा अच्छे से कर रहे हैं. ये रोबोट एक मिनट में 2 ड्रिंक बना पाने में भी सक्षम हैं. और दिनभर में हज़ारों ड्रिंक तैयार कर रहे हैं.

बारटेंडर- रॉयल कैरेबियन क्रूज़ पर आप हों और आपके बारटेंडर के तौर पर रोबोट हो तो चौंकिएगा मत. क्योंकि ऐसा पहले से ही हो रहा है. रोबोट यह काम इंसानों से ज्यादा अच्छे से कर रहे हैं. ये रोबोट एक मिनट में 2 ड्रिंक बना पाने में भी सक्षम हैं. और दिनभर में हज़ारों ड्रिंक तैयार कर रहे हैं.

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 सैनिक- रोबोट्स के चलते 2030 तक अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक-चौथाई तक कम हो सकती है. इनकी जगह अमेरिकी सैनिक ले लेंगे. यह दावा एक अमेरिकी आर्मी जनरल ने 2014 में किया था.  सैनिक- रोबोट्स के चलते 2030 तक अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक-चौथाई तक कम हो सकती है. इनकी जगह अमेरिकी सैनिक ले लेंगे. यह दावा एक अमेरिकी आर्मी जनरल ने 2014 में किया था.

सैनिक- रोबोट्स के चलते 2030 तक अमेरिकी सैनिकों की संख्या एक-चौथाई तक कम हो सकती है. इनकी जगह अमेरिकी सैनिक ले लेंगे. यह दावा एक अमेरिकी आर्मी जनरल ने 2014 में किया था.

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 फार्मासिस्ट- सैन फ्रांसिस्को में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में जब आप दवाएं मांगते हैं तो आपको दवाएं देने के लिए शॉप में कोई केमिस्ट नहीं होता. शॉप में आपको दवाओं की डिलिवरी एक रोबोट करता है. वह भी बिना किसी गलती के. इस रोबोट को हमेशा पता होता है कि कौन सी दवा कहां रखी है. 3,50,000 दवाओं की जानकारी इस रोबोट में डाली गई है.  फार्मासिस्ट- सैन फ्रांसिस्को में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में जब आप दवाएं मांगते हैं तो आपको दवाएं देने के लिए शॉप में कोई केमिस्ट नहीं होता. शॉप में आपको दवाओं की डिलिवरी एक रोबोट करता है. वह भी बिना किसी गलती के. इस रोबोट को हमेशा पता होता है कि कौन सी दवा कहां रखी है. 3,50,000 दवाओं की जानकारी इस रोबोट में डाली गई है.

फार्मासिस्ट- सैन फ्रांसिस्को में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में जब आप दवाएं मांगते हैं तो आपको दवाएं देने के लिए शॉप में कोई केमिस्ट नहीं होता. शॉप में आपको दवाओं की डिलिवरी एक रोबोट करता है. वह भी बिना किसी गलती के. इस रोबोट को हमेशा पता होता है कि कौन सी दवा कहां रखी है. 3,50,000 दवाओं की जानकारी इस रोबोट में डाली गई है.

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 किसान- खेती में ज्यादातर ऐसा काम होता है कि हम सभी को पता है कि आराम से रोबोट इसे इंसानों से ज्यादा आसानी से कर सकते हैं. बल्कि इतना ही नहीं जमीन का निरीक्षण, ट्रैक्टर चलाना, कटाई करना और जुताई करना ऐसे ही काम हैं.  किसान- खेती में ज्यादातर ऐसा काम होता है कि हम सभी को पता है कि आराम से रोबोट इसे इंसानों से ज्यादा आसानी से कर सकते हैं. बल्कि इतना ही नहीं जमीन का निरीक्षण, ट्रैक्टर चलाना, कटाई करना और जुताई करना ऐसे ही काम हैं.

किसान- खेती में ज्यादातर ऐसा काम होता है कि हम सभी को पता है कि आराम से रोबोट इसे इंसानों से ज्यादा आसानी से कर सकते हैं. बल्कि इतना ही नहीं जमीन का निरीक्षण, ट्रैक्टर चलाना, कटाई करना और जुताई करना ऐसे ही काम हैं.

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 बम निरोधक दस्ता- अमेरिका में 450 बम निरोधक दस्ते हैं, जो हर साल हज़ारों बम डिफ्यूज करते हैं. फेडरल आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी सेना इसमें कई रोबोट का काम करता है. उनके अनुसार कई बार इंसान से ज्यादा आसानी से रोबोट ये काम कर लेते हैं.  बम निरोधक दस्ता- अमेरिका में 450 बम निरोधक दस्ते हैं, जो हर साल हज़ारों बम डिफ्यूज करते हैं. फेडरल आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी सेना इसमें कई रोबोट का काम करता है. उनके अनुसार कई बार इंसान से ज्यादा आसानी से रोबोट ये काम कर लेते हैं.

बम निरोधक दस्ता- अमेरिका में 450 बम निरोधक दस्ते हैं, जो हर साल हज़ारों बम डिफ्यूज करते हैं. फेडरल आंकड़ों के अनुसार अमेरिकी सेना इसमें कई रोबोट का काम करता है. उनके अनुसार कई बार इंसान से ज्यादा आसानी से रोबोट ये काम कर लेते हैं.

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 पत्रकार- निष्पक्षता के साथ ख़बरों को लिखना आज भी पत्रकारों के लिए बहुत कठिन काम होता है. इसके साथ ही सारे तथ्यों को बनाए रखना और उनके महत्व के हिसाब से उनकी वरीयता तय करना भी बहुत कठिन होता है. ऐसे में चीन में ख़बर लिखने वाले रोबोट और न्यूज एंकर रोबोट का सफल परीक्षण हुआ है. ऐसे में भविष्य में वह दिन दूर नहीं जब बड़ी संख्या में हमारे सामने पत्रकार होंगे.  पत्रकार- निष्पक्षता के साथ ख़बरों को लिखना आज भी पत्रकारों के लिए बहुत कठिन काम होता है. इसके साथ ही सारे तथ्यों को बनाए रखना और उनके महत्व के हिसाब से उनकी वरीयता तय करना भी बहुत कठिन होता है. ऐसे में चीन में ख़बर लिखने वाले रोबोट और न्यूज एंकर रोबोट का सफल परीक्षण हुआ है. ऐसे में भविष्य में वह दिन दूर नहीं जब बड़ी संख्या में हमारे सामने पत्रकार होंगे.

पत्रकार- निष्पक्षता के साथ ख़बरों को लिखना आज भी पत्रकारों के लिए बहुत कठिन काम होता है. इसके साथ ही सारे तथ्यों को बनाए रखना और उनके महत्व के हिसाब से उनकी वरीयता तय करना भी बहुत कठिन होता है. ऐसे में चीन में ख़बर लिखने वाले रोबोट और न्यूज एंकर रोबोट का सफल परीक्षण हुआ है. ऐसे में भविष्य में वह दिन दूर नहीं जब बड़ी संख्या में हमारे सामने पत्रकार होंगे.

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 हाउसकीपर- घर साफ करने वाले रोबोट पहले से ही बहुत ज्यादा प्रयोग हो रहे हैं. और इसके अलावा दिनोंदिन उनमें सुधार भी होता जा रहा है. जाहिर है कि धूल साफ करने और पोंछा मारने में एक मशीन को इंसान कभी टक्कर नहीं दे पाएगा. और न ही देना चाहेगा.  हाउसकीपर- घर साफ करने वाले रोबोट पहले से ही बहुत ज्यादा प्रयोग हो रहे हैं. और इसके अलावा दिनोंदिन उनमें सुधार भी होता जा रहा है. जाहिर है कि धूल साफ करने और पोंछा मारने में एक मशीन को इंसान कभी टक्कर नहीं दे पाएगा. और न ही देना चाहेगा.

हाउसकीपर- घर साफ करने वाले रोबोट पहले से ही बहुत ज्यादा प्रयोग हो रहे हैं. और इसके अलावा दिनोंदिन उनमें सुधार भी होता जा रहा है. जाहिर है कि धूल साफ करने और पोंछा मारने में एक मशीन को इंसान कभी टक्कर नहीं दे पाएगा. और न ही देना चाहेगा.

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 ऐसे लोग जो डॉक्यूमेंट्स का रिव्यू करते हैं- किसी डॉक्यूमेंट को पढ़कर उसका रिव्यू करने में एक इंसान को अच्छा खासा वक्त लगता है लेकिन रोबोट अपनी मशीनी क्षमता से बहुत तेजी से उसे स्कैन करके किसी महत्वपूर्ण विषय पर कही गई उसकी बातों की रिपोर्ट वगैरह तैयार कर सकता है.  ऐसे लोग जो डॉक्यूमेंट्स का रिव्यू करते हैं- किसी डॉक्यूमेंट को पढ़कर उसका रिव्यू करने में एक इंसान को अच्छा खासा वक्त लगता है लेकिन रोबोट अपनी मशीनी क्षमता से बहुत तेजी से उसे स्कैन करके किसी महत्वपूर्ण विषय पर कही गई उसकी बातों की रिपोर्ट वगैरह तैयार कर सकता है.

ऐसे लोग जो डॉक्यूमेंट्स का रिव्यू करते हैं- किसी डॉक्यूमेंट को पढ़कर उसका रिव्यू करने में एक इंसान को अच्छा खासा वक्त लगता है लेकिन रोबोट अपनी मशीनी क्षमता से बहुत तेजी से उसे स्कैन करके किसी महत्वपूर्ण विषय पर कही गई उसकी बातों की रिपोर्ट वगैरह तैयार कर सकता है.

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 क्लर्क- किसी के डॉक्यूमेंट्स की प्रामाणिकता जांचकर उसके अकाउंट से पैसे देने में एक बैंक क्लर्क को जितना वक्त लगता है एक रोबोट उससे बहुत कम वक्त में ऐसा कर सकता है. इस पर ज्यादा दिमाग भिड़ाने की भी जरूरत नहीं है. आप इसे पर्ची से बैंक क्लर्क के पास जाकर पैसे निकालने और एटीएम से पैसे निकालने के अंतर के जरिए समझ सकते हैं. लेकिन इंसान और मशीन की क्षमता में यह अंतर लोगों पर आने वाले भविष्य में भारी पड़ सकता है क्योंकि मशीनों के चलते आने वाले सालों में 40 फीसदी क्लर्कों की नौकरियां जाने की उम्मीद कई सर्वे जता चुके हैं.  क्लर्क- किसी के डॉक्यूमेंट्स की प्रामाणिकता जांचकर उसके अकाउंट से पैसे देने में एक बैंक क्लर्क को जितना वक्त लगता है एक रोबोट उससे बहुत कम वक्त में ऐसा कर सकता है. इस पर ज्यादा दिमाग भिड़ाने की भी जरूरत नहीं है. आप इसे पर्ची से बैंक क्लर्क के पास जाकर पैसे निकालने और एटीएम से पैसे निकालने के अंतर के जरिए समझ सकते हैं. लेकिन इंसान और मशीन की क्षमता में यह अंतर लोगों पर आने वाले भविष्य में भारी पड़ सकता है क्योंकि मशीनों के चलते आने वाले सालों में 40 फीसदी क्लर्कों की नौकरियां जाने की उम्मीद कई सर्वे जता चुके हैं.

क्लर्क- किसी के डॉक्यूमेंट्स की प्रामाणिकता जांचकर उसके अकाउंट से पैसे देने में एक बैंक क्लर्क को जितना वक्त लगता है एक रोबोट उससे बहुत कम वक्त में ऐसा कर सकता है. इस पर ज्यादा दिमाग भिड़ाने की भी जरूरत नहीं है. आप इसे पर्ची से बैंक क्लर्क के पास जाकर पैसे निकालने और एटीएम से पैसे निकालने के अंतर के जरिए समझ सकते हैं. लेकिन इंसान और मशीन की क्षमता में यह अंतर लोगों पर आने वाले भविष्य में भारी पड़ सकता है क्योंकि मशीनों के चलते आने वाले सालों में 40 फीसदी क्लर्कों की नौकरियां जाने की उम्मीद कई सर्वे जता चुके हैं.

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