मध्य एशिया का एक देश किर्गिस्तान (ीहे अपनी अजीबोगरीब और बेहद क्रूर प्रथा के चलते चर्चा में है. यहां लड़कियों को किडनैप करके उनका रेप किया जाता है और फिर जबर्दस्ती शादी कर ली जाती है. इस शादी के बाद लड़कियां सेक्स स्लेव और घर-खेत के कामों के लिए मजदूर बनकर रह जाती हैं. अजीब बात ये है कि लड़की के घरवाले चाहकर भी ऐसी लड़की को दोबारा अपना नहीं सकते हैं.
Thomson Reuters Foundation की एक खबर के अनुसार इस देश में हर 5 में से 1 लड़की को शादी के लिए अगवा किया जाता है. रोज 30 से ज्यादा शादियां होती हैं यानी हर 40 मिनट में एक लड़की किडनैप की जाती है. इस प्रथा का नाम है ala kachuu यानी उठाओ और भाग जाओ. United Nations Population Fund की रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर मामलों में लड़की को अगवा कर उसका रेप किया जाता है और फिर शादी की जाती है ताकि चाहकर भी परिवार उसे अपना न सके.
हालांकि साल 2013 में किर्गिस्तान में दुल्हनों का अपहरण और साल 2016 में बाल विवाह बैन हो चुका है. तत्कालीन राष्ट्रपति Almazbek Atambayev ने इसपर 10 साल की कैद तय की, लेकिन तब भी हर साल लगभग 12 हजार लड़कियां शादी के लिए उठाई जा रही हैं. देश में महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए काम कर रही संस्था Women’s Support Centre के आंकड़े ये बताते हैं.
सोवियन यूनियन के खत्म होने के बाद से ही इस देश की अर्थव्यवस्था के हाल खराब हैं. कमजोर अर्थव्यवस्था भी इस जबरिया शादी की एक वजह है. शादियां लगभग सभी देशों की तरह यहां भी काफी धूमधाम से की जाती रहीं. अब चूंकि खर्चों के लिए पैसे नहीं हैं तो लड़कियां अगवा की जा रही हैं ताकि दोनों तरफ का ही खर्च बच जाए.
लड़के अपनी पसंद की गैर शादीशुदा लड़की से एक बार पूछते हैं और अगर उसने मना कर दिया तो जबर्दस्ती उसे उठा लेते हैं. घर पर लड़की पर लड़के का पूरा परिवार अत्याचार करता है. विरोध करने पर रेप और मारपीट आम बात है. लड़की को पकड़करउसके सिर पर जबर्दस्ती एक सफेद स्कार्फ बांध दिया जाता है, जिसका मतलब है कि लड़की शादी के लिए राजी हो गई है.
शादी के लिए उठाई गई ज्यादातर लड़कियां कमउम्र होती हैं. यही वजह है कि इस देश में जन्म देते हुए मांओं की मौत कॉमन है. पूरे मध्य एशिया की देखें तो किर्गिस्तान में highest maternal mortality rate सबसे ऊपर है. मां बच भी जाए तो बच्चे की सेहत खराब रहती है. कम वजन के बच्चे होना या किसी तरह की जेनेटिक बीमारी यहां देखने को मिल रही है. इसकी वजह मांओं का कमउम्र होना और बेहद तनाव में रहना माना जा रहा है.
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