कैंसर (Cancer) के इलाज के लिए कई तरह के दवाओं (Medicine) के विकास पर काम चल रहा है. कई दवाओं के बारे में दावा किया जाता है कि वे कैंसर का इलाज करने में पूरी तरह से कारगर हैं तो कुछ की कारगरता के साथ कुछ साइड इफेक्ट भी बताए जाते हैं. यही वजह है कि कैसर और हर तरह कैंसर के लिए दवा खोजी जा रही है. नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि आलू (Potato) जैसी सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पाए जाए जाने वाले रासायनिक यौगिक से बनी दवा कैंसर के इलाज में कारगर हो सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
एडम मिकिएविक्ज यूनिवर्सटी की मैगडालीना विंकेल की अगुआई में हुए नए अध्ययन में पाया गया है कि आलू (Potato) टमाटर जैसे सब्जियों (Vegetables) में बनने वाले रसायनों कैंसर (Cancer) के उपचार की विशेषताएं होती हैं. अध्ययन में पाया गया है कि सोलानेसेए परिवार के पौधों में ग्लायकोएलकालॉइड्स रासायनिक रक्षा तंत्र का हिस्सा बनते हैं. (तस्वीर: Wikimedia Commons)
अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लिखा कि दुनिया भर की मौतों (Death) में कैंसर (Cancer) सबसे सामान्य कारण होता है. साल 2020 में करीब 1.9 करोड़ कैंसर के नए मामले (Cancer cases) सामने आए थे और एक करोड़ मौतें कैंसर की वजह से दर्ज हुई थीं. अगले 20 सालों में कैंसर के मामलों की संख्या 2.8 करोड़ हो जाएगी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
ग्लायकोएलकालॉइड्स (glycoalkaloids) कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकते हैं और उनको नष्ट करने में सहयाक होते हैं, जो कैंसर (Cancer) को नियंत्रित करने के लिए प्रमुख क्षेत्र मानी जाती हैं. इसलिए ग्लायकोएलकालॉइड्स में भविष्य में उपचार (Treatment) के लिए बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं विन्केल का कहना है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक अब भी ऐसी दवा खोज रहे हैं जो कैंसर की कोशिकाओं के लिए तो मारक हों, लेकिन बाकी कोशिकाओं के ले सुरक्षित ही हों. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
चिकित्सा (Medicine) में उन्नति होने और शक्तिशाली आधुनिक उपचार (Treatment) तकनीकों के विकास के बाद भी कैंसर (Cancer) का कारगर इलाज खोजना आसान नहीं है. यही वजह है कि बरसों से उपयोग में लाए जा रहे चिकित्सकीय पौधों की ओर वापस जाकर उन्हें परखना कई बीमारियों (Disease) के इलाज में नतीजे देने वाला हो सकता है. शोधकर्ताओं को लगता है कि उनके गुणों को परखना और उनकी क्षमताओं को फिर खोजना फायदेमंद हो सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
इस अध्ययन में पांच ग्लायकोएलकालॉइड्स (glycoalkaloids), सोलानाइन, चाकोनाइन, सोलासोनाइन, सोलामार्जाइन, और टोमाटाइन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया. कम्प्यूटर सिम्यूलेशन (computer Simulation) बताते हैं कि ये ग्लायकोएलकालॉइड्स जहरीले या हानिकारक नहीं हैं और डीएनए (DNA) को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. विंकेल का कहना है कि भले ही हम आज उपयोग में लाई जा रही एंटी कैंसर दवाओं की जगह उनका इस्तेमाल ना कर सकें. हो सकता है संयुक्त थेरेपी उपचार की कारगरता को बढा दे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
शोधकर्ताओं का कहना है कि सवाल बहुत हैं, लेकिन ग्लायकोएलकालॉइड्स (glycoalkaloids) की विशेषताओं की विस्तृत जानकारी हासिल किए बिना हम उनका जवाब नहीं खोज सकते हैं. जहां सोलानाइन कैंसर (Cancer)पैदा करने वाले रसायनों को रोकने में कारगर है, सोलामार्जाइन यकृत की कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है और इसके साथ सोलानाइन भी कैंसर की स्टेम कोशिकाओं को निशाना बनाता है. इस दिशा में कम हानिकारक कैंसर उपचारों को खोज के लिए और शोधकार्य की जरूरत है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
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