दुनियाभर के नेता विदेश नीति को बेहतर बनाने के लिए दौरे करते हैं. लाखों किलोमीटर सफर करने वाले इन नेताओं के निजी जहाजों से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कार्बन का उत्सर्जन होता है. एसोसिएट प्रेस ने G7 समूह में शामिल 7 राष्ट्र प्रमुखों के 140 फ्लाइट्स पर रिसर्च कर पता लगाया कि उनसे कितना कार्बन का उत्सर्जन हुआ?
G7 समूह में अमेरिका, जर्मनी, जापान, फ्रांस, इटली, कनाडा और यूरोपीय यूनियन शामिल है. विदेशी दौरों में सबसे ज्यादा सफर तय करने वाले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे के हवाई जहाज ने सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन किया.
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने बीते साल 2018 में विदेशी दौरों में कुल 206620 कि.मी. सफर तय किया. उनके बाद फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों का नंबर आता है जिन्होंने 205526 कि.मी. सफर किया.
2 लाख से ज्यादा किमी दूरी तय करने वाले प्रधानमंत्री शिंजो अबे के विमान से 14442 टन कार्बन का उत्सर्जन हुआ. उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के विमान ने 11487 टन सफर के दौरान कार्बन का उत्सर्जन किया.
विमान की बात करें तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास बोइंग 747-200B, शिंजो अबे के पास बोइंग 747-400, मैक्रों के पास एयरबस A330-200 और एंजेला मर्केल के पास A340-300 विमान है.
थेरेसा मे और जस्टिन के हवाई जहाज बाकि प्रमुख नेताओं की तुलना में काफी कम 20 किलोग्राम/किलोमीटर कार्बन का उत्सर्जन करते हैं. जबकि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन डोनाल्ड ट्रंप के हवाई जहाज से होता है. इसकी मात्रा 88 किलोग्राम/किलोमीटर होता है.
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