चीन (China) के चांगई-5 मिशन (Chang’e-5 Mission) ने चंद्रमा (Moon) से मिट्टी के नमूने (Soli Samples) सफलता पूर्वक जमा कर लिए हैं. अब यह मिशन पृथ्वी (Earth) की ओर वापसी पर है, लेकिन इसके साथ ही इस मिशन में एक और काम हुआ है वह है चंद्रमा पर अपना झंडा फहराने (Flag Unfurling) का. चीन चंद्रमा पर अपना झंडा फहराने वाला दूसरा देश बन गया है. चीन का यह काम वैसे तो आपत्तिजनक नहीं है, लेकिन चीन ने इससे कई संकेत दिए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
चीन (China) का यूं झंडा फहराना (Flag Unfurling) शीत युद्ध (Cold War) के दिनों की याद ताजा करता है जब अमेरिका (USA) 1969 में चंद्रमा पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना था. उस समय से पहले अंतरिक्ष अनुसंधान में अमेरिका और रूस (USSR) की प्रतिद्वंदिता में रूस अंतरिक्ष में पहला यान और पहला अंतरिक्ष यात्री भेजकर आगे निकल चुका था. लेकिन 1969 में अमेरिका ने चंद्रमा पर सबसे पहला इंसान उतार कर इस होड़ में बढ़त बना ली थी. नील आर्मस्ट्रॉन्ग और बज एल्ड्रिन ने चंद्रमा पर अमेरिका का झंडा फहराया था जो अमेरिका के वर्चस्व का सूचक माना गया था. (तस्वीर: NASA)
अमेरिका (USA) ने अपने अपोलो अभियान (Apollo Mission) के तहत इसके बाद छह उड़ानों के जरिए 12 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा (Moon) की सतह पर उतारा था. यह सिलसिला 1969 से 1972 तक चला था जिसमें 382 किलो के पत्थर और मिट्टी (Samples) चंद्रमा से धरती पर लाए गए थे. इसके बाद रूस ने 1976 में अपने सोवियत लूनार 24 से चंद्रमा से मिट्टी धरती पर लाने में कामयाबी हासिल की थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
इसके बाद 50 से ज्यादा सालों बात शुक्रवार को चीन (China) की स्पेस एंजेंसी (CSNA) ने चंद्रमा पर मिट्टी के नमूने (Soil Samples) जमा करने में सफलता पाई है जिसके साथ उसके चांग ई-5 (Chang’e-5) यान से चीन का झंडा भी चंद्रमा की सतह पर फहराया गया. झंडे फहराने की तस्वीरों को चांगई-5 लूनार व्हीकल से ली गईं. यह यान पिछले महीने की 23 तारीख को प्रक्षेपित किया गया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर: @ChinaInSpace)
चीन (China) का यह यान अपने तय कार्यक्रम से एक दिन पहले ही नमूने (Samples) जमा करने में कामयाब रहा. इस सदी का चंद्रमा (Moon) पर उतरने वाला यह तीसरा यान है. यान ने दो किलो के नमूने जमा किए हैं. इस यान को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए चीन ने लॉन्ग मार्च रॉकेट (Long March Rocket) का उपयोग किया है जो अब तक का दुनिया में सबसे शक्तिशाली रॉकेट माना जाता है. चीन इस समय ऐसे अभियानों में जुटा हुआ है जो उसे अंतरिक्ष अनुसंधान की होड़ (Space competition) में अमेरिका से आगे ले जा सकते हैं. माना जा रहा है कि चंद्रमा पर झंडा लहराने का उद्देश भी चीन की इस सफलता को एक बड़ी विशेषता देने का प्रयास है. (तस्वीर: @ChinaInSpace)
चीन (China) की विश्व में महाशक्ति (Super Power) बनने की महत्वाकांक्षा किसी से छिपी नहीं हैं. अंतरिक्ष (Space) मामलों में यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. उसका दो-तीन सालो में ही खुद का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बनाने का इरादा है और इसके लिए वह कुछ देशों से करार भी कर चुका है. वह जिसमें मंगल (Mars) के लिए एक ही अभियान में ऑर्बिटर, रोवर और लैंडर तीनों एक साथ भेजने पहला देश होगा अगर वह इसमें सफल होता है. चंद्रमा के पिछले हिस्से पर रोवर (Rover) उतराने वाला वह पहले देश बन चुका है. (तस्वीर: @ChinaInSpace)
ये सच है कि चीन (Chnia) इस समय अमेरिका (USA)से बराबरी करने की स्थिति में नहीं हैं., लेकिन यह भी सच है कि वह अमेरिका से आगे निकल सकता है. फिलहाल ऐसा कुछ संभव नहीं है, लेकिन फिर भी चीन उसी तरह की होड़ जैसे काम कर रहा है जैसा की शीत युद्ध (Cold War) के दौरान अमेरिका और रूस किया करते थे. हैरानी नहीं होनी चाहिए अगर कुछ लोग चीन के चंद्रमा पर झंडा फहराने (Flag Unfurling) के काम को भी इसी नजरिए से देखें. (प्रतीकात्मक तस्वीर: @ChinaInSpace NASA)
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