अंतरिक्ष अन्वेषण (Space Exploration) में नासा (NASA) ने अपनी एक खास जगह बनाई हुई है. आज जहां नासा चंद्रमा (Moon) और मंगल (Mars) पर इंसानों को भेजनी की तैयारियों में व्यस्त है, उसकी रोबोटिक (Robotic) क्षमता में भी काफी इजाफा हुआ है. गैरइंसानी अंतरिक्ष यानों में बेशक नासा की अपनी खास उपलब्धियां हैं. लेकिन वहीं सुदूर अंतरिक्ष में लंबे समय और मुश्किल हालातों के लिए नासा को भी अपने अभियानों के लिए कुशल और सक्षम रोबोट्स की जरूरत पड़ेगी क्योंकि हर अभियान पर इंसान को भेजना संभव नहीं होगा. . (तस्वीर: NASA)
वैसे भी नासा (NASA) के मानव रहित यान भी रोबोट्स (Robots) की तरह होते जा रहे हैं. पाथफाइंडर रोवर (Pathfinder Rover) मंगल (Mars) की सतह पर काम कर रहा है,गैलिलियो शटल ने गुरू ग्रह (Jupiter) और उसके चंद्रमाओं का अवलोकन किया है. हबल (Hubble) और अन्य वेधशालाएं सुदूर अंतरिक्ष की सूचनाएं जमा कर रहे हैं. नासा अपने बजट का चौथाई हिस्सा अंतरिक्ष यात्राओं पर खर्च करता है. रोबोट के मुकाबले नासा को इंसान पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ता है. आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस के कारण रोबोट इंसान की तरह काम करसकते हैं और बदलते मौसम में आसानी से काम कर सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
नासा (NASA) रोबोट का सबसे ज्यादा उपयोग रोबोटिक आर्म (Robotic arms )के तौर पर करता है. शटल पर रोबोटिक आर्म अंतरिक्ष (Space) में बहुत सारी चीजें इधर उधऱ कर सकती है. कई तरह की बाहरी फिटिंग कर सकती है, उनमें बदलाव कर सकती है. रोबोटिक अंतरिक्ष यान सुदूर या फिर अंतहीन यात्रा पर भी भेजे जा सकते हैं. रोबोटिक यान बिना मानवीय पायलट के यात्रा कर सकते हैं. नासा अब यात्रियों और वैज्ञानिकों का साथ काम करने वाले रोबोट बना रहा है. कनाडा की स्टेशन रोबोटिक आर्म (Station Robotic Arm) ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) का मोबाइल सर्विसिंग सिस्टम बनाया है जो स्टेशन के रखरखाव का अहम हिस्सा है. वहीं कैन्ड्रैम (Canadarm) जैसी रोबोटिक आर्म से अंतरिक्ष यात्री हबल टेलीस्कोप (Hubble) की मरम्मत भी कर चुके हैं. रोबोटिक आर्म आईएसएस की नए हिस्सों को जोड़ चुके हैं.
नासा (NASA) कई प्लेन (Planes) यानि वायुयानों को बिना पायलटों के इस्तेमाल कर चुका है. कुछ वायुयानों (Aeroplanes) को कंट्रोलर उड़ा चुके हैं तो कुछ खुद ब खुद उड़ते हैं. रोबोटिक यान (robotic Planes) कई स्थितियों में उपयोगी होते हैं. जैसे वे लावा की तस्वीरें लेने के काम आ सकते हैं. ऐसा यान कई तरह से ज्यादा उपयोगी हो सकते हैं. वे आकार में इतने छोटे भी हो सकते हैं कि उसमें एक आदमी भी न समा सके.
मार्स साइंस लैबोरेटरी (Mars Science Laboratory) वह मानव रहित रोबोटिक रोवर है जो मंगल ग्रह के लिये बनाया गया था. क्यूरोसिटी रोवर हाल ही में रिटायर हुआ है. एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल के आकार का यह रोबोट पूरी तरह से स्वचलित है. यह मंगल पर जीवन के संकेतों का अध्ययन कर सकता है. लेकिन अब नासा ने पर्सवियरेंस रोवर मंगल की ओर भेज दिया है जो क्यूरोसिटी रोवर का उन्नत संस्करण है. (तस्वीर: NASA/JPL)
रोबोट (Robot) अंतरिक्ष के वातावरण का अध्ययन करने में मददगार होते हैं. वे अंतरिक्ष यान (Space craft) जो दूसरे ग्रह, उनके उपग्रहों का अध्ययन करे हैं वास्तव में रोबोट होते हैं इनमें ऑर्बिटर्स, लैंडर्स और रोवर्स शामिल होते हैं. कैसिनी (Cassini) अंतरिक्ष यान भी एक प्रकार का रोबोट था. इसने शनि और उसके चंद्रमाओं का अवलोकन कर बहुत कीमती आंकड़े दिए थे. वायोजर और पायोनियर शटल तो हमारे सौरमंडल के बाहर तक चले गए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
नासा (NASA) का पर्सवियरेंस रोवर (Perseverance) मंगल ग्रह (Mars) की यात्रा पर है और अगले साल फरवरी में मंगल (Mars) के जजीरो क्रेटर पर उतरेगा. इसके साथ लगे उपकरण अति उन्नत तकनीक के हैं. इसका मास्टकैम जेड (Mastcam-Z) विशेष जूमिंग थ्रीडी कैमरा है, इसके साथ ही रोटो क्राफ्ट भी है जो स्वचलित हैलीकॉप्टर की तरह काम करेगा.