रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) ने दुनिया को 8 महीने से भी ज्यादा समय से दुनिया को विश्व युद्ध की कगार पर खड़ा रखा हुआ है. दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था युद्ध के समय के हालात वाली अर्थव्यवस्था के जैसी होने लगी है. ऐसा में लोगों को मन में यह उठना के विश्वयुद्ध के दौरान कौन से देश सबसे सुरक्षित होंगे, स्वाभाविक ही है. 2021 में हुई ग्लेबल पीस इंडेक्स (Global Peace Index 2021 ranking) के अध्ययन के मुताबिक दुनिया में भूरणनीतिक और भौगोलिक मानदंडों के आधार पर सूची तैयार की गई है जिसमें से कुछ देश तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) के शुरु होने पर सुरक्षित देश हो सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
ग्लोबल पीस इंडेक्स की रैंकिंग (Global Peace Index 2021 ranking) के मुताबिक, आइसलैंड (Iceland) ऐसा देश है जिसके तीसरे विश्वयुद्ध (Third World War) में सबसे शांत रहने की उम्मीद है. इसकी खास बात यह है कि ये यूरोपीय देश होने के कारण भी यह एक फेवरेट डेस्टिनेशन होने की संभावना है. इसकी भौगोलिक स्थिति इसे खास बनाते हैं. यह यूरोप के उत्तर से दूर अंटलांटिक महासागर के बीच में स्थित है. वैसे तो यह नाटो का सदस्य है, लेकिन इसकी खुद की सेना नहीं है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
न्यूजीलैंड (New Zealand) भी दुनिया के अलग-अलग थलग है इसलिए यहां युद्ध की आंच पहुंचने की संभावना बहुत कम है. ग्लोबल पीस इंडेक्स (Global Peace Index) के मुताबिक यह तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) के दौरान सबसे सुरक्षित देश हो सकता है. यह दुनिया का दूसरा सबसे शांतिपूर्ण देश माना जाता है. इसकी भौगोलिक स्थिति रूस और अमेरिका से दूर होने की वजह से यह एक पसंदीदा जगह बन जाती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) के होनी स्थिति में डेनमार्क (Denmark) भले ही बहुत ज्यादा सुरक्षित ना माना जा सके, लेकिन ग्रीनलैंड की इलाका जो इसी देश के कब्जे में ही है, बहुत सुरक्षित हो सकता है. जहां डेनमार्क के साथ एक समस्या यह भी है कि वह तटस्थ ना होकर नाटो का सदस्य है. फिर ग्रीन लैंड (Greenland) दुनिया में चल रहे विनाश से खुद को दूर रखने वाला क्षेत्र साबित होगा इसमें कम ही लोगों को संदेह होगा. (तस्वीर: shutterstock)
आयरलैंड (Ireland) इंग्लैंड के पास स्थित देश है. यहां का प्राकृतिक वातावरण बहुत ही शांत हैं. इसकी सबसे खास बात यही है कि यह नाटो का सदस्य देश भी नहीं है. लेकिन नाटो (NATO) का सबसे अहम सदस्य और अमेरिका का सबसे बड़ा सहयोगी ब्रिटेन से लगा हुआ है. यानि अगर तीसरा विश्व युद्ध (Third World War) हुआ तो परमाणु बमों या जैविक हथियारों की आंच इस देश तक पहुंच सकती है. लेकिन बहुत दूर की संभावना है क्यों खुद ब्रिटेन तुलनात्मक रूप से कम सुरक्षित नहीं है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
कनाडा (Canada) की भौगोलिक स्थिति उसे एक विशेष देश बनाती हैं. यहां पर कई यूरोपीय भाषाई लोग रहते हैं. अमेरिका (USA) का पड़ोसी होने के बाद भी यह विशाल देश अमेरिका पर होने वाले युद्ध के प्रभावों से दूर ही रहेगा जबकि खुद अमेरिका चारों तरफ से सुरक्षित देश है. इसके अलावा कनाडा की छवि भी एक शांतिप्रिय देश की है इसीलिए ग्लोबल पीस इंडेक्स (Global Peace Index) में यह शीर्ष दस देशों में से एक है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
ऑस्ट्रेलिया (Australia) की भौगोलिक स्थिति भी ऐसी है जहां तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) की आंच ज्यादा नहीं पहुचने की ही उम्मीद है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में जाना और वहां रहना विदेशों को बहुत पसंद आता है. यह दुनिया की महाशक्तियों से काफी दूर है. इसके अलावा वह किसी सैन्य गुट विशेष का सदस्य तो नहीं है, लेकिन वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सक्रिय देश है. नाटो (NATO) का सदस्य ना होने के बाद भी वह कई बार नाटो का सहयोगी रह चुका है. (तस्वीर: Wikimedia Commons)
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