इंडोेनेशिया में हाल ही में लागू एडल्ट्री कानून का बहुत विरोध हो रहा है, जो शादी के बाहर सेक्स संबंधों को अवैध और अपराध मानता ही है साथ ही शादी के बगैर किसी भी तरह के सेक्स संबंधों की इजाजत किसी अविवाहित को नहीं देता. ये कानून इंडोनेशिया में गुस्सा पैदा कर रहा है. वहां लगातार इसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं. क्या आपको मालूम है कि भारत में इसकी क्या स्थिति है और प्राचीन समय में एडल्ट्री यानि अवैध सेक्स संबंधों को किस तरह देखा जाता था और सजा दी जाती थी. (ap)
दुनियाभर में एडल्ट्री यानी व्याभिचार पर फिर चर्चा छिड़ गई है. भारत में भी कुछ साल पहले तक शादी से बाहर जाकर सेक्स संबंध बनाना अपराध था लेकिन इसमें अपराधी केवल पति को माना जाता था. इस कानून को आईपीसी की धारा 497 से डील किया जाता था लेकिन सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया. बेशक ये देश में अब अपराध नहीं है लेकिन तलाक का आधार जरूर बन सकता है. एडल्ट्री पर प्राचीन काल में क्या नियम थे, ये भी अब जान लीजिए.
प्राचीन काल में यहूदियों में पुरुषों की बेवफाई अपराध नहीं मानी जाती थी. लेकिन महिलाओं के लिए ये अपराध की श्रेणी में आता था. धार्मिक कानून के मुताबिक शादी के समय लड़की का वर्जिन होना ज़रूरी था, वहीं पुरुषों पर किसी दूसरे की बीवी से अफेयर रखना मना था. लेकिन समय बदला और अब दोनों के लिए समान कानून है. एडल्टरी के मामले में यहूदी दंपति आपसी सहमति से विवाह को खत्म कर सकते हैं.
मौजूदा दौर में पश्चिमी देशों में धार्मिक तौर पर एडल्टरी को पाप या गुनाह की तरह देखा जाता है. वैसे वहां बहुत से वर्ग हैं, जहां बहुविवाह प्रथा जारी है और कई पत्नियां रखी जाती हैं. ईसाइयों की ही एक मोरमोन कम्युनिटी है जहां एक व्यक्ति को कई बीवियां रखने या कई शादियां करने की अनुमति है. उनके अपने अलग चर्च हैं. अफ्रीका और हिमालय में कई ऐसे कबीले और वर्ग हैं, जहां महिलाएं कई पुरुष रखती हैं.
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