सर्जिकल स्ट्राइक यानी दुश्मन को उसी के घर में घुसकर मार गिराना. एक तय वक्त. हमला करने का सीमित दायरा. कमांडो की एक छोटी टुकड़ी. बड़े हथियारों के बजाए छोटे-छोटे हथियारों का इस्तेमाल. और सबसे अहम ये कि छोटे हमले में दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना. आइए जानते हैं दुनिया की पांच सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक्स के बारे में.
भारतीय सेना का म्यांमार में ऑप्रेशन- NSCN के उग्रवादियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में फौज की टुकड़ी पर हमला किया था. इस आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे.10 जून 2015 को इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर 40 मिनट के ऑपरेशन में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. तब फौज ने म्यांमार में दाखिल होकर आतंकी संगठन NSCN के टेरर कैंप को तबाह किया था.
लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा बैठा था. अमेरिका ने उसे खत्म करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की खुफिया रणनीति बनाई. मई 2011 में अमेरिका के सबसे खतरनाक कमांडो कहे जाने वाले सील की टुकड़ी दो हेलीकॉप्टर में सवार होकर रात के अंधेरे में एबटाबाद पहुंची. इसके बाद थोड़ी देर तक लादेन का मकान गोलियों और बमों की तड़तड़ाहट से थर्राता रहा. गोलियों की आवाज़ तभी थमी जब अमेरिकी फौज ने लादेन को मार गिराया. इसके बाद अमेरिकी कमांडो जैसे आए थे, वैसे ही लौट गए.
UGANDA में हुआ ऑपरेशन एंतेब्बे- जून 1976 में इजरायल ने युगांडा के एंतेब्बे एयरपोर्ट पहुंचकर अपने बंधक नागरिकों को छुड़ाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इजराइली सैनिक ऑपरेशन शुरू होने के 20 मिनट बाद ही अपहरणकर्ताओं का खात्मा कर, अपने नागरिकों को लेकर लौट गए थे. इस ऑप्रेशन में सात अपहरणकर्ता, 20 युगांडाई सैनिक और सिर्फ एक इजरायल का सैनिक मारा गया था. (तस्वीर- यूट्यूब स्क्रीनशॉट)
Bay of Pigs Invasion- 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सीआईए-एलईडी को क्यूबा पर आक्रमण का आदेश दिया. जो सीआईए-एलईडी के नेतृत्व में Bay of Pigs से 1,400 क्यूबा निर्वासितों (देश से निकालना) द्वारा किया जाता था. फिदेल कास्त्रो सरकार को उखाड़ फेंकने के सैन्य मिशन का विनाशकारी अंत हुआ था. इस अभियान में 100 से अधिक सैनिक मारे गए थे, जो 1200 क्यूबा निर्वासितों को पकड़ने के लिए लीड कर रहे थे. (सांकेतिक तस्वीर)
ऑपरेशन ईगल क्लॉ, ईरान- अमेरिका ने यह ऑप्रेशन 'अमेरिकी दूतावास पर कब्जा कर बंधक बनाए गए' अपने नागरिकों को छुड़ाने के लिए चलाया था. दरअसल ईरान ने अमेरिका पर उसके घरेलू मामलों में दखल देने का आरोप लगाते हुए उसके दूतावास को बंद कर दिया था. फिर अमेरिका ने रेस्क्यू ऑपरेशन पर बंधक बनाए नागरिकों को छुड़ाने का प्लान बनाया. (तस्वीर- ईरान का झंडा)
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