India Neighbor country Bhutan : भूटान के राजा हमारे देश आए हुए हैं. ये हमारा ऐसा पड़ोसी देश है, जहां कोई बेघर नहीं ना भूखा. सरकार सबके मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य के खर्च को वहन करती है. धर्म से ज्यादा आध्यात्म का महत्व है.
भूटान एक ऐसा देश है, जहां सरकार सबको घर देती है और ये गारंटी कि इस देश में कोई भूखा नहीं रहेगा. इस देश में आपको ना तो कोई भिखारी मिलेंगे और ना कोई बेघर. हर किसी के पास अपने मकान हैं. यहां के लोग आमतौर पर खुश जीवन गुजारते हैं. सबसे बड़ी बात ये भी है कि यहां इलाज एकदम मुफ्त है. दवाओं का खर्च भी सरकार ही उठाती है. एशिया का कोई देश अपने लोगों को ऐसी गारंटी या जीवन नहीं देती, जो यहां पर है.
भूटान में अब बेशक टीवी और इंटरनेट है लेकिन लंबे समय तक यहां पर इन दोनों सेवाओं पर इसलिए प्रतिबंध लगा रहा कि इसके जरिए विदेशों की जो संस्कृति यहां आएगी, उसका भूटान के लोगों और जीवन पर गलत असर पड़ेगा. लेकिन 1999 से इसे राजा द्वारा हटा लिया गया. आप ये कह सकते हैं कि भूटान दुनिया का आखिरी देश था जिसने टेलीविजन का इस्तेमाल शुरू किया.
इस देश में 2008 में लोगों की आंतरिक शांति का ख्याल रखने के लिए, सकल राष्ट्रीय खुशी समिति का गठन किया गया. यहां तक कि जनसंख्या जनगणना प्रश्नावली में एक कॉलम होता है, जहां आप संकेत कर सकते हैं कि आप अपने जीवन से संतुष्ट हैं या नहीं. यहां एक खुशी मंत्रालय भी है, जो सकल घरेलू खुशी को मापते हैं. यहां पर जीवन की गुणवत्ता उनके वित्तीय और मानसिक मूल्यों के बीच संतुलन से निर्धारित होती है.
भूटान में कोई सड़कों पर नहीं रहता. यदि कोई व्यक्ति अपना घर खो देता है, तो उसे बस राजा के पास जाने की जरूरत होती है, जो उन्हें जमीन का एक टुकड़ा देता है, जहां वे घर बना सकते हैं और सब्जियां लगा सकते हैं. भूटानी लोग खुद को खुश मानते हैं और अपने जीवन से संतुष्ट रहते हैं. प्रत्येक भूटानी निवासी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार है. भूटान में पारंपरिक और शास्त्रीय दोनों तरह की चिकित्सा आम है. एक व्यक्ति खुद ये करता है कि उसे किस विधि से उपचार कराना है.
भूटानी लोग पारंपरिक कपड़े पहनते हैं. पुरुष भारी, घुटने की लंबाई वाले वस्त्र पहनते हैं. महिलाएं लंबी पोशाक पहनती हैं. एक व्यक्ति की स्थिति और सामाजिक स्तर की पहचान उनके बाएं कंधे पर दुपट्टे के रंग से की जाती है. साधारण लोग सफेद दुपट्टा पहनते हैं. कुलीन लोग और साधु पीले रंग के कपड़े पहनते हैं.
ये लंबे समय तक अलग थलग देश रहा है. 1970 में पहली बार किसी विदेशी पर्यटक को यहां आने की इजाज़त दी गई थी. अब भी अधिकारी विदेशी प्रभाव पर कड़ी नज़र रखते हैं.
वैसे अब भूटान में चीज़ें तेज़ी से बदल रही हैं. राजधानी थिम्पू में अब स्मार्टफ़ोन और कराओके बार आम हो गए हैं. युवा यहां आबादी में बहुतायत में हैं और उन्होंने सोशल मीडिया को आसानी से स्वीकार कर लिया है. इसकी वजह से वहां स्ट्रीट फ़ैशन में उछाल आ गया है और राजनीति में ज़्यादा खुलकर चर्चा हो रही है.
भूटान पर्यावरण क्षेत्र में अग्रणी रहा है. प्लास्टिक की थैलियां वहां 1999 से ही प्रतिबंधित हैं. तंबाकू लगभग पूरी तरह से ग़ैरक़ानूनी है. क़ानूनन देश के 60% भाग में जंगल होने ही चाहिए.कमाल के प्राकृतिक दृश्यों और शानदार संस्कृति के बावजूद यह अब भी बड़े पैमाने पर पर्यटन से बचा रहा है और ऐसा जान-बूझकर किया गया है.वे बढ़ते पेड़ों पर भी विशेष ध्यान देते हैं. वैसे, 2015 में, भूटान ने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया जब लोगों ने सिर्फ एक घंटे में 50,000 पेड़ लगाए.
भूटान का मुख्य निर्यात बिजली है, वह भारत को पनबिजली बेचता है. इसके अलावा लकड़ी, सीमेंट, कृषि उत्पाद और हस्तशिल्प का भी निर्यात करता है. भूटान के पास सेना है लेकिन चारों ओर से घिरा होने की वजह से नौसेना नहीं है. इसके पास वायुसेना भी नहीं है और इस क्षेत्र में भारत उनका ख़्याल रखता है.
अधिकांश भूटानी लोग बौद्ध हैं. चूंकि यह धर्म पूरे जानवरों की दुनिया के लिए सम्मान सिखाता है, इसलिए शाकाहार वास्तव में वहां आम है. मुख्य और मूल पकवान चावल है. वैसे, साधारण चावल ऐसे ऊंचाई पर विकसित नहीं हो पाएंगे, इसलिए लोग लाल चावल उगाते हैं, जो कि कठिन है और एक अजीब स्वाद है. लोग चाय पीने पर बहुत ध्यान देते हैं. वे नमक, काली मिर्च और एक चम्मच मक्खन के साथ काली और हरी चाय पीते हैं.
.भूटान में महिलाओं को सम्मानित किया जाता है. महिलाओं को विरासत में अधिकार की उनकी परंपरा ये साबित भी करती है. सभी संपत्ति और सामान जैसे कि उनके घर, मवेशी और जमीन सबसे बड़ी बेटी को जाते हैं, बेटे को नहीं.भूटान में किसी भी रासायनिक उत्पादों का आयात या उपयोग गैरकानूनी है.
भूटान में, किसी विदेशी से शादी करने पर पाबंदी है. भारत और भूटान के बीच कई ऐसे जोड़े हैं, जिन्होंने प्यार किया या लव मैरिज की लेकिन उन्हें भूटान में रहने का अधिकार नहीं है. हालांकि ये नियम वहां के राजा पर लागू नहीं होता.
2006 में सत्ता ग्रहण करने वाले राजा जिग्मे खेसार नामग्येल वांगचुक को लोग पसंद करते हैं. वो देश में बड़े नाटकीय बदलाव लाए हैं. भारत, अमरीका और ब्रिटेन में पढ़े राजा की अब भी पूजा की जाती है और रानी जेटसुन पेमा बेहद लोकप्रिय हैं. देश में राजशाही और लोकतंत्र का मिलाजुला रूप है. उनके पिता ने ही इसकी शुरुआत कर दी थी जब 1998 में उन्होंने अपनी कुछ निरंकुश शक्तियों को छोड़ दिया था. अब वहां सरकार के हर स्तर पर चुनाव होते हैं.पहले आम चुनाव 2008 में हुए थे. इसमें सिर्फ़ दो पार्टियों ने हिस्सा लिया था और राजशाही से संबंधित भूटान पीस एंड प्रॉसपैरिटी पार्टी (डीपीटी) जीत गई थी. लेकिन 2013 में दूसरा चुनाव विपक्षी पार्टी पीपल्स डेमोक्रिटिक पार्टी (पीडीपी) ने जीता.वर्ष 2018 का चुनाव Druk Nyamrup Tshogpa पार्टी ने जीता, जो अभी वहां सत्ता में है.