राहुल गांधी ने कुछ ही समय पहले 4080 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा श्रीनगर में खत्म हुई. इस यात्रा के दौरान वह लगातार खबरों में रहे. उनकी पदयात्रा में तो भीड़ जुट ही रही थी. वह लोगों से मिल रहे थे. इसमें यात्रा के अलावा कड़ाके की ठंड में कभी वह अपनी टीशर्ट के कारण चर्चा में आए तो कभी अपनी बढ़ती दाढी को लेकर. ताजातरीन तौर पर वह लोकसभा में गौतम अडाणी के मुद्दे पर भाषण को लेकर सुर्खियों में हैं. (फोटो- Sansad TV grab)
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने अगर अपने भाषण से सरकार पर प्रहार किया तो उसके बाद वह सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं के निशाने पर आ गए. वैसे राहुल लगातार सुर्खियों में रहते हैं. उन्हें तमाम मुद्दों को बेबाकी से उठाने वाले नेता के तौर पर भी जाना जाने लगा है. राहुल गांधी के सियासी करियर के बारे में तो मोटे तौर पर हम सभी जानते हैं. क्या उनकी पढ़ाई लिखाई से भी आप वाकिफ हैं. (पीटीआई फाइल फोटो)
राहुल का बचपन दिल्ली में बीता . फिर उन्होंने कई शहरों में पढ़ाई की. दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या के कारण कई बार उनकी पढ़ाई पर असर पड़ा. उन्हें इस वजह से पढाई के लिए विदेश जाना पड़ा. विदेश में भी उनकी पढ़ाई एक कालेज तक सीमित नहीं रही. उसमें भी बदलाव होता रहा. उसके बाद उन्होंने लंदन की एक कंपनी में नौकरी भी की. (Image: PTI)
इस दौरान राहुल की दादी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. इंदिरा के छोटे बेटे संजय गांधी सांसद (MP) थे. राहुल गांधी के पिता राजीव उन दिनों इंडियन एयरलाइंस में पायलट थे और राजनीति से कोसों दूर. राहुल की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के St. Columba’s में हुई और फिर देहरादून के Doon स्कूल में. (image: en.wikipedia.org)
1989 में राहुल गांधी ने ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में दाखिला लिया. यहां कॉलेज में पहला साल पूरा होने के बाद वह अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी गए. इसी बीच उनके पिता की हत्या हो गई. सुरक्षा कारणों से उन्हें फिर फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज भेजा गया, जहां उन्होंने 1994 में ग्रेजुएशन पूरा किया. (image: PTI)
रोलिंस कॉलेज से पढ़ाई के दौरान वह बदले हुए नाम से जाने जाते थे. उनकी आइडेंटिटी सिर्फ यूनिवर्सिटी ऑफिशियल्स और सिक्योरिटी एजेंसी को पता थी. इसके बाद वह 1995 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से एम. फिल करने गए. ये एम फिल उन्होंने डेवलपमेंट स्टडीज में किया. बाद लंदन के मॉनिटर ग्रुप नाम की मैनेजमेंट फर्म में नौकरी की. इसके बाद मुंबई में 2002 में अपनी एक कसंल्टेंसी कंपनी खोली, जो टैक्नॉलॉजी कंसल्टेंसी के क्षेत्र में थी. इसमें वह डायरेक्टर थे. (image: AP Photo)
राहुल ने 2004 से राजनीति में कदम रखा. उन्होंने विदेशी मीडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में कहा था कि वे 2004 लोकसभा इलेक्शन में उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव में खड़े होंगे. फिर उन्होंने मई 2004 में चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ भारतीय राजनीति में प्रवेश किया. वह अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव में खड़े हुए, जिसमें बहुमत से जीते थे. (image: pti)
24 सितंबर 2007 को राहुल को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया था. इसी दौरान उन्हें युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ का कार्यभार दिया गया था. 19 जनवरी 2003 को वे कांग्रेस पार्टी के वाइस-प्रेसिडेंट नियुक्त किए गए. इसके बाद वह 2017 में कांग्रेस पार्टी के प्रेसीडेंट बने लेकिन पिछले गुजरात विधानसभा चुनावों में अपेक्षित परिणाम नहीं आने और पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के नहीं होने से उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया.
2014 के लोकसभा इलेक्शन में भी राहुल गांधी अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे, जबकि कांग्रेस पार्टी ने सबसे बड़ी हार का सामना किया था. 2009 के लोकसभा चुनाव में वे अमेठी से 3.72 लाख वोटों से जीते थे. हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. लेकिन केरल की वायनाड़ सीट से भी उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. यहां से वह विजयी रहे.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी जापानी मार्शल आर्ट आइकोदो में ब्लैक बेल्ट हैं. वर्ष 2009 में उन्होंने ट्रेनिंग करने के बाद ये बेल्ट हासिल की थी. इसके अलावा वह तलवारबाजी में भी निपुण हैं. ये रिपोर्ट ये भी कहती है कि उन्हें मोमो खाने का शौक है. कुछ सालों पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह किताबें पढ़ते हैं. विवेकानंद पर भी उन्होंने अध्ययन कर रखा है. (image: pti)
खराब फॉर्म पर पिता ने लगाया 'प्यार में पड़ने' का इल्जाम! मनोचिकित्सक से मिलवाया, रोहित का है भरोसेमंद बैटर
IPL: रैना ने आईपीएल में लपके हैं सर्वाधिक कैच, टॉप 5 में भारतीय धुरंधरों का जलवा, लिस्ट में केवल 1 विदेशी खिलाड़ी
WPL: सबसे महंगी खिलाड़ी फेल, स्मृति की साथी का 1 विकेट 1.5 करोड़ का पड़ा, बेस प्राइस में बिके 3 खिलाड़ी चमके
Bihar Board 2023: बिहार बोर्ड 12वीं में फेल व असंतुष्ट स्टूडेंट्स के लिए एक और मौका, सप्लीमेंट्री एग्जाम और स्क्रूटनी के लिएआवेदन शुरू, जानें तरीका