विशाल उड़ने वाले पक्षी अब धीरे धीरे दुनिया में कम हो रहे हैं. लेकिन एक समय था जब आसमान पर बहुत विशाल पक्षी उड़ा करते थे. हम उड़ने वाले डायनासोर की बात नहीं कर रहे हैं. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी की अगुआई में शोधकर्ताओं की टीम ने ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में अब तक का खोजा गया सबसे विशाल शिकारी पक्षी का पता लगाया है. यह चील आज की शिकारी चील के आकार की तुलना में दोगुना बड़ी थी जिसका विशेषज्ञों ने नाम डायनाटोएटस गाफे रखा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
एशिया और अफ्रीका के पुराने गिद्धों के साथ गंभीर रूप विलुप्तप्रायः बंदर खाने वाली या फिलीपीनी चील की नजदीकी संबंधी रह चुकी यह चील अब विलुप्त हो चुकी है जो 60 हजार साल पहले उत्तर पेल्येस्टोसीन काल में दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में रहा करती थी. इसके पंखों का विस्तार 3 मीटर हुआ करता थ और इसके पंजे इतने शक्तिशाली होते हैं कि ये छोटे कंगारू या कोआला को आसानी से पकड़ लेते थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
शोधकर्ताओ ने फ्लिंडर रेज में, नाराकूर्टे और वेलिंगटन गुफाओं और कूपर क्रीन के पास आयर बेसिन झील में विशाल जीवाश्म बिखरे हुए पाए हैं. अध्ययन के प्रमुख लेखक और फ्लिंडर्स के जीवाश्मविज्ञानी एलन माथेर ने बताया कि शोधकर्ता ढांचे की बिखरी हुई बहुत सारी हड्डियों को पाकर बहुत उत्साहित थे क्योंकि इनसे वे इस विशाल विलुप्त पक्षी की सही तस्वीर बनाने में सफल हो सके. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
इस खोज से खुलासा हुआ कि यह अविश्वसनीय पक्षी का परिवार ऑस्ट्रेलिया में बहुत विविधता के साथ पाया जाता था और ये शिकारी पक्षी भी ऑस्ट्रेलिया में आए महाविनाश में बहुत सारे जानवरों के साथ विलुप्त हो गए. फ्लिंडर्स के ही वर्टिबरेट जीवाश्म विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ लेखक ट्रेवर वर्थी ने बताया कि यह चील दूसरे महाद्वीपों की भी चील से विशाल थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
वर्थी ने बताया कि यह चील उस समय संसार की विशालतम चीलों में से एक थी जो कभी न्यूजीलैंड और क्यूबा के द्वीपों में पाई जाती थी. जिसमें न्यूजीलैंड में मिलने वाली और विलुप्त हो चुकी 13 किलो की हास्ट ईगल शामिल थी. इसके विशाल पंजे तीस सेमी के थे जिससे वे विशाल कंगारुओं के बच्चों को, बड़े ना उड़ पाने वाले पक्षी, या उस दौर में विलुप्त हो चुके कुछ और जानवरों को भी आसानी से उठा लिया करती थीं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह विशालकाय शिकारी आज के खूंटेसी पूंछ वाली चील जैसी जीवित प्रजातियों के साथ रहा करते थे. ऑस्ट्रेलियाई पक्षी बहुत अधिक विविध होने बाद भी खूंटे सी पूंछ वाली चील विशाल डायनाटोएटस के साथ खुद को कायम रखने में सफल रहे और विलुप्त नहीं हो सके इसकी वजह यह हो सकती है कि उनका आवास सीमित रहा होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
डायनाटोएटस के बारे में अनुमान लगाया गया है कि वे मेगफॉनल महाविनाश के समय विलुप्त हुए होंगे जो कि 50 हजार साल पहले चरम पर रहा होगा जब ऑस्ट्रेलिया शिकारी जानवरों की विविधता और उनके कार्य बहुत तेजी से कम हो रही थी. इस चील का सविस्तार विवरण जर्नल ऑफ ऑर्निथोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
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