तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने लोकसभा चुनाव 2019 में कूल 42 उम्मीदवारों में 17 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. उन्होंने कई सामाजिक क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को टिकट बांटा हैं. इन्हीं उम्मीदवारों में एक उम्मीदवार ऐसी भी हैं जिन्हें सोशल मीडिया में इस लोकसभा चुनाव की सबसे खूबसूरत उम्मीदवार होने का खिताब दिया जा रहा है. वो इस बार जीत की ओर हैं.
ये हैं जादवपुर की टीएमसी उम्मीदवार मिमी चक्रवर्ती. मिमि चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) 30 साल की हैं. फिलहाल वह अपने प्रतिद्वंदियों पर 70 हजार वोटों की बढ़त बनाई हुई हैं. वह एक अभिनेत्री हैं. अब उन्होंने राजनीति में कदम रखा है. फिलहाल उनकी मूल पहचान एक अभिनेत्री के तौर हैं.
उन्होंने अपने अभिनय कॅरियर की शुरुआत साल 2011 में शुरू किया था. उन्हें टीवी धारावाहिक गनेर ओपारे से सबसे ज्यादा ख्याति मिली थी. करीब सात सालों तक टीवी व बंगाली सिनेमा में कई दमदार भूमिकाएं निभा चुकी हैं.
अभी तक उन्होंने साल 2012 बापी बारी जा के बाद 21 फिल्में कर चुकी हैं. इस साल भी उनकी खेला जोखेन और सिंदूर खेला रिलीज होंगी.
मिमि को उनके अभिनय के लिए अब तक चार अवार्ड मिल चुके हैं. हालांकि चुनाव के दौरान कई वजहों से वह चर्चा में रहीं.
उनकी विपक्षी पार्टियों ने एक वीडियो को आधार बनाकर कहा कि उन्होंने आम लोगों से हाथ मिलाते वक्त हाथों में ग्लव्स पहन रखे थे.
इस मामले में मिमि के ऑफिस को सफाई भी देनी पड़ी. बताया जाता है चुनाव प्रचार के दौरान उनके हाथ काफी रूखे हो गए थे, इस कारणवश उन्हें तपती गर्मी में ग्लव्स का इस्तेमाल कुछ जगहों किया था.
मिमि चक्रवर्ती की जादवपुर में प्रमुख टक्कर बीजेपी के प्रो. अनुपम हजरा, सीपीआईएम के बिकाश रंजन भट्टाचार्या से है.
इसके अलावा सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा सुंदर लोकसभा उम्मीदवारों में टीएमसी की ही पश्चिम बंगाल के बशीरहाट से उम्मीदवार नुसरत जहान का नाम है.
नुसरत बंगाली सिने जगत की नामचीन हस्ती हैं. इनका कॅरियर भी साल 2011 में शुरू हुआ. अपने आठ साल के कॅरियर में उन्होंने अब तक कुल 19 फिल्मों में काम किया है. जबकि उनकी फिल्म सेवेन अभी रिलीज के लिए तैयार है.
नुसरत को उनके काम के लिए अब तक कुल दो अवार्ड मिल चुके हैं. नुसरत की उम्र फिलहाल 29 साल है. वह मिस कोलकाता भी रह चुकी हैं.
बशीरहाट में नुसरत का मुकाबला सीपीआईएम के पल्लव सेनगुप्ता और बीजेपी के सायातन बसू और कांग्रेस काजी अब्दुर रहीम से है.
टीएमसी ने कृष्णानगर से महुआ मोइत्रा को मैदान में उतारा हैं. ममता बनर्जी के संपर्क में आने के बाद इन्होंने अपना इन्वेस्टमेंट बैंकर का कॅरियर छोड़ राजनीति का रुख कर लिया.
जयनगर की टीएमसी प्रत्याशी प्रतिमा मोंडल नौकरशाही छोड़कर राजनीति में आई हैं. वह पहले सिविल सर्विस में थीं. उन्होंने 2014 में पहली बार चुनाव लड़ा था और जीती थीं.
झारग्राम से बीरबाला सोरेन टीएमसी की उम्मीदवार हैं. वह एक मशहूर राजनीतिक आदिवासी परिवार से आती हैं. वह खुद भी एक सोशल एक्टिविस्ट रही हैं. लेकिन उसके सामने झारखंड पार्टी नरेन की उम्मीदवार बीरबाला हंसदा चुनाव लड़ रही हैं. वह अभिनेत्री रही हैं. उनकी वजह से कई लोग भ्रमित हो रहे हैं.
बीरभूम से चुनाव लड़ रहीं सतबदी रॉय अभिनेत्री रही हैं. वह इस सीट पर पहले से सांसद हैं. उन्होंने टीएमसी के टिकट पर 2014 में चुनाव जीता था.
बर्धमान-दुर्गापुर से ममताज संघमित्रा को टीएमसी ने टिकट दी है. वह पहले से ही सांसद हैं. ममताज एक राजनीतिक घराने से हैं. इनके पिता पश्चिम बंगाल के स्पीकर रहे हैं. पति भी राज्य सरकार के अहम पदों पर रहे हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.
रानाघाट से टीएमसी प्रत्याशी रूपाली विश्वास को ममता बनर्जी ने विशेष रूप से टिकट दिया है. उनके पति सत्यजीत विश्वास विधायक थे. उनकी इसी साल फरवरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
टीएमसी की बालुरघाट से उम्मीदवार अर्पिता घोष ने 2014 में चुनाव लड़कर जीता था. इससे पहले वे एक थिएटर डायरेक्टर, अभिनेत्री और प्ले राइटर थीं. उन्होंने कई नाटक तैयार कराए हैं.
आरामबाग से टीएमसी ने अपरूपा पोद्दार को मैदान में उतारा है. उन्होंने 2014 में चुनाव लड़कर जीता था. अपरूपा पहले विधायक रह चुकी हैं. एक दफा इन्होंने अपना नाम आफरीन अली रख लिया था. इसके बाद काफी विवादों में आ गई थीं.
मालदा उत्तर की टीएमसी उम्मीदवार मौसिम नूर एक राजनीतिक परिवार से हैं. उनके परिवार के लोग इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री पद पर रह चुके हैं. वह भी पहले कांग्रेस नेत्री हुआ करती थीं. लेकिन ममता बनर्जी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली.
बंगाण से टीएमसी प्रत्याशी ममता बाला ठाकुर 2015 में हुए लोकसभा उपचुनाव में चुनाव जीतकर आईं. उन्हें ममता बनर्जी ने दोबारा चुनाव जीतीं.
बारासात से टीएमसी उम्मीदवार डॉ काकोली घोष दस्तीदार जमीन से उठकर आई राजनेत्रियों में से एक हैं. वह महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी हैं. उनके परिवार से भी कई लोग मुख्यधारा की राजनीति में हैं. उन्होंने 2014 आम चुनाव जीता था.
उलुबेरिया से टीएमसी उम्मीदवार साजदा सुल्तान अहमद ने 2014 आम चुनाव में पहली बार चुनाव जीती थीं. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर पहचानी जाती हैं.
हुगली से टीएमसी उम्मीदवार डॉ. रत्ना डे नाग एक राजनीतिक परिवार से हैं. उनके पिता केंद्र सरकार में श्रम मंत्री रह चुके हैं.
आसनसोल से टीएमसी उम्मीदवार देव वर्मा (मुन मुन सेन) मशहूर फिल्म अभिनेत्री रह चुकी हैं. फिलहाल वह बांकुरा सीट से सांसद हैं. उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.
कोलकाता दक्षिण की टीएमसी उम्मीदवार माला रॉय जमीन से उठकर आई हैं. वह पहले निकाय चुनावों में जबर्दस्त प्रदर्शन करते आई हैं.
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