उन्हें घुड़सवारी, पोलो खेलने, शिकार करने का शौक था. जब गायत्री देवी कोलकाता में पोलो का मैच देखने गईं थी तो उनकी मुलाकात जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय से हुई. दोनों में बहुत जल्दी प्यार हो गया. वे जब जब लन्दन जाते, गायत्री देवी से मुलाकात करके जाते थे. छह साल तक अफेयर चलने के बाद आखिरकार 9 मई 1940 कप दोनों की शादी हो गई.
गायत्री देवी राजनीति में भी सक्रिय रहीं. आजादी के बाद जब सी राजगोपालचारी नें स्वतंत्र पार्टी बनाई तो 1962 में उन्होंने जयपुर की लोकसभा सीट से सर्वाधिक मतों से जीतने का विश्व रिकॉर्ड बनाया. उनका जनता के बीच बहुत ही ज्यादा वर्चस्व और प्रेम था. 1967 और 1971 के चुनावों में भी गायत्री देवी जयपुर संसदीय क्षेत्र से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर लोकसभा की सदस्य चुनी गईं.
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