बीते कुछ समय से उतार चढ़ाव के बाद आखिरकार केंद्र और महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की राहें जुदा हो गईं. आइए जानते हैं स्थापना से लेकर विधानसभा चुनाव 2019 तक कैसा रहा शिवसेना का सफर?
1966 में बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की थी. भाजपा और सेना ने 1989 में पहली बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था.
2004 में बाल ठाकरे से शिवसेना की कमान उनके बेटे उद्धव को हासिल हुई थी. इससे नाराज होकर बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने पार्टी से अलग राह बनाकर अपनी नई पार्टी का गठन किया था.
2014 में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन टूटा. दोनों पार्टियों ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन बाद में मिलकर सरकार बनाई और चलाई. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले दोनों पार्टियों की फिर राहें जुदा लेकर चुनाव से ऐन पहले फिर साथ आईं.
1990 से लेकर आजतक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना कभी 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई है. अधिकतम 73 सीट उसे 1995 में मिली हैं. लेकिन इस बार 2014 के मुकाबले सेना को 2019 में 56 सीटें मिलीं.
कितनी है अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडन की सैलरी? मिलेंगी कौन सी सुविधाएं?
Delhi Temperature: दिल्ली में फिर छाया घना कोहरा, सुबह के तापमान में 3 डिग्री की गिरावट
भारतीय नौसेना ने समुद्र में बचाई मलेशियाई महिला की जान, सूचना पर तुरंत पहुंचे 33 KM
हिना खान ने पीली ड्रेस में शेयर की Bold Photos, देखकर क्रेजी हुए फैंस