फुटबॉल वर्ल्ड कप में अपनी भविष्यवाणियों से लोगों को चौंकाने वाला पॉल ऑक्टोपस बहुतों को याद होगा. ये वो ऑक्टोपस था, जिसने एक के बाद एक 7 मैचों में विजेता के बारे में हिंट दिया और भविष्यवाणी सही भी निकली. साल 2010 में पॉल की मौत के बाद उसका एक खूबसूरत स्मारक भी बनवाया गया. भविष्य बताने वाले ऑक्टोपस पॉल की बिरादरी भी अपने में कम रहस्यमयी नहीं. ऑक्टोपस के 8 पैरों के बारे में तो कमोबेश सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इसके 3 दिल और 9 दिमाग होते हैं. (सभी तस्वीरें- प्रतीकात्मक)
वैज्ञानिकों मानते हैं कि गहरे समुद्र में रहने वाला ये जीव कलर ब्लाइंड है. हालांकि खुद रंगों की पहचान न कर सकने के बावजूद ये तेजी से (0.3 सेकंड से भी कम वक्त में) रंग और आकार भी बदल पाता है. ऐसा तब होता है जब ऑक्टोपस को अपने आसपास किसी खतरे का अहसास हो. खतरे की दशा में वातावरण के अनुकूल बदल जाने की प्रक्रिया को camouflaging कहते हैं, जो कि गिरगिट में भी देख सकते हैं.
ऑक्टोपस के एक-दो नहीं, बल्कि 3 दिल होते हैं. तीनों ही के काम अलग-अलग बंटे हुए हैं. एक दिल सिस्टमिक दिल कहलाता है. ये खून को ऑक्टोपस के पूरे शरीर और पैरों तक पंप करने का काम करता है. दूसरे दोनों दिल ब्रांकियल दिल कहलाते हैं. इनका काम है deoxygenated यानी ऑक्सीजन-रहित खून को पूरे शरीर से इकट्ठा करके दोनों गिल्स और फिर वहां से सिस्टमिक दिल तक पहुंचाना ताकि खून ऑक्सीजन के साथ वापस शरीर में दौड़े.
इस रहस्यमयी जंतु के शरीर में 9 दिमाग होते हैं. हालांकि उसका मुख्य दिमाग एक ही होता है जो सोचने-समझने और खतरे की स्थिति में फैसले लेने का काम करता है. इस मेन ब्रेन के 8 ancillary यानी सहायक मस्तिष्क होते हैं जो उसके अधीन काम करते हैं. ये आठों मस्तिष्क आठ पैरों में स्थित होते हैं. और पैर अपनी छोटी से छोटी एक्टिविटी इन्हीं के कहने पर करते हैं.
इतने अजीब दिल-दिमाग वाले जंतु का खून भी कुछ कम अजीब नहीं. ऑक्टोपस का खून लाल नहीं, बल्कि नीले रंग का होता है. हमारे खून का रंग लाल हैं क्योंकि इसमें आयरन वाला हीमोग्लोबिन होता है जो ऑक्सीजन को यहां से वहां लाता- ले जाता है. वहीं ऑक्टोपस में आयरन की बजाए कॉपर यानी तांबे के साथ cyanoglobin होता है जो हमारे हीमोग्लोबिन की तरह काम करता है. तांबे की उपस्थिति के कारण इसका खून नीला होता है. वैसे ऑक्सीजन के प्रवाह में तांबा आयरन से कमजोर है इसलिए ऑक्टोपस इंसानों से जल्दी थक जाता है.
खतरनाक लगने वाले ऑक्टोपस में बहुत ही शानदार होममेकर के पूरे गुण होते हैं. ये कभी भी अपना घर गंदा नहीं रखता और रोज सुबह अपने घर की सफाई करता है. सफाई में समुद्री रेत हटाना और पिछली रात के बचे खाने को बाहर फेंकना भी शामिल है. ये हर थोड़े दिनों में अपना घर बदलते रहते हैं और किसी भी अंधेरी चट्टान के बीच या किसी खोह की सफाई कर, उसे चट्टानों के मजबूत टुकड़ों से पूरी तरह से ढंक उसमें रहने लगते हैं.
ऑक्टोपस अपने-आप में अलग जंतु है जिसकी किस्में भी कम चौंकाने वाली नहीं. साल 2016 में हवाई द्वीप में इनकी एक नई किस्म का पता चला जिसे ghost octopus कहते हैं यानी भुतहा ऑक्टोपस. इसकी स्किन हल्की और पारदर्शी होती है. ये इतनी तेजी से रंग बदलते हैं कि समुद्र में इनके होने का पता ही नहीं चलेगा, जब तक कि ये खुद न चाहें. एक अन्य ऑक्टोपस Blanket octopuse कहलाता है. इसे समुद्र की फैशन क्वीन भी कहते हैं, जिसके हाथों के चारों ओर एक किस्म का लाल रंग का जाल होता है, जो कि जालीदार और बहुत ही खूबसूरत दिखता है.
ऑक्टोपस के आठों हाथ इतने मजबूत माने जाते हैं कि कुछ सनकियों ने इनसे आजमाइश करने की ठानी. साल 1950 से 60 के दौर में वॉशिंगटन में World Octopus Wrestling Championship प्रतियोगिता हुआ करती. इसमें लोग दो से तीन गोताखोरों की टीम में गहरे पानी में पहुंच ऑक्टोपस से हाथापाई करती. कई बार लोग हथियारों से 150 पाउंड के इस जंतु को जख्मी कर देते. हारे हुए ऑक्टोपस को सतह पर लाया जाता और कई बार उसे जांच के लिए लैब में भेज दिया जाता. साल 1976 में बने नियम के तहत ऑक्टोपस के साथ Wrestling को गैरकानूनी करार दिया गया.