पृथ्वी (Earth) पर सारे मौसमी परिवर्तन उसके वायुमंडल (Atmosphere) की सबसे निचली परत क्षोभमंडल पर ही होते हैं. काफी समय से वैज्ञानिकों में चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) चक्रवाती तूफान (Cyclonic Storm) की चर्चा हो रही थी, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने उत्तरी ध्रुव (North Pole) के ऊपर उच्च वायुमंडल में इसके होने की पुष्टि की है. पहली बार देखे गए इस अंतरिक्षीय तूफान को वैज्ञानिकों ने स्पेस हरिकेन (Space Hurricane) नाम दिया है. इसके बारे में उनका कहना है कि ऐसी घटना सभी ग्रह (Planets) में पाई जाती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट के आंकड़ों के आधार पर चीन के शैंगडोंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह घोषणा उत्तरी ध्रुव (North Pole) के मीलों ऊपर 621 मील चौड़ी प्लाज्मा (Plasma)की घूमती आकृति का विश्लेषण करने के बाद की है. शोधकर्ताओं ने चक्रवात (Cyclone) के आकार का ऑरोर का धब्बा देखा जिसके केंद्र में बहाव शून्य था और वृत्तीय प्लाज्मा बहुत ही तीव्र गति से बह रहा था. ये सारे गुण पृथ्वी (Earth) के निचले वायुमंडल पर पाए जाने वाले हरीकेन में पाए जाते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
स्पेस हरिकेन (Space Hurricne) पृथ्वी के सतही हरिकेन (Hurrcane) में एक बड़ा अंतर होता है. उसमें पानी की जगह इलेक्ट्रोन (Elecron) की बारिश होती है. स्पेस हरिकेन पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध (Northern Hemisphere) में पाए जाने वाले हरिकेन की तरह घड़ी की विपरीत दिशा में घूमते हैं. यह स्पेस हरिकेन टूटने से पहले आठ घंटने तक चलता रहा. हरिकेन खास तरह के चक्रवाती तूफान होते हैं. ये दुनिया के अलग अलग जगहों पर कई तरह के नामों से जाने जाते है जैसे टाइफून, चक्रवाती तूफान, उष्णकटीबंधीय तूफान, या फिर सिर्फ साइक्लोन. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर माइक लॉकवुड का कहना है कि मैग्नेटिक फील्ड (Magnetic Field) और प्लाज्मा (Plasma) वाले ग्रहों (Planets) और उपग्रहों में हरिकेन एक सार्वभौमिक प्रक्रिया के तहत मौजूद हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि अब तक यह निश्चित नहीं था कि स्पेस प्लाज्मा हरिकेन होते हैं या नहीं लेकिन यह अवलकोन अविश्वस्नीय है. इससे पहले मंगल, शनि, गुरू, और शनि के निचले वायुमंडल में इस तरह के हरिकेन अवलोकित किए गए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
हाल में हुई यह खोज पृथ्वी (Earth) के उच्च वायुमंडल (High Atmosphere)में पहली बार किसी हरिकेन के पाए जाने की हुई है. नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक हरिकेन बहुत ही ताकतवर ऊर्जा और द्रव्यमान आवागमन से जुड़ा होता है इसलिए पृथ्वी के उच्च वायुमंडल में हरिकेन बहुत ही प्रचंड रहा होगा. इसके साथ ही वह कारगरता से सौर पवन (Solar Wind) को पृथ्वी के आयनमंडल में पहुंचा पा रहा होगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
शोधकर्ताओं क कहना है कि स्पेस हरिकेन (Space Hurricane) अंतरिक्ष से आयनमंडल (Ionosphere) और बाह्य वायुमंडल (Thermosphere) के लिए एक तेजी से ऊर्जा स्थांतरण चैनल खोल देते हैं. यह अंतरिक्ष के मौसम (Space Weather) के प्रभाव के रहस्यों का खुलासा कर सकता है. जिसमें सैटेलाइट ड्रैग, उच्च आवर्ति वाले रेडियो संचार में व्यवधान प्रमुखता से शामिल हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
यह अवलोकित किया गया है कि स्पेस हरिकेन (Space Hurricane) निम्न जियो मैग्नेटिक गतिविधि (Geomagnetic activity) के दौरान बना था. यानि के जियोमैग्नेटिक तौर पर शांत स्थितियों में भी अंतरिक्ष से तीव्र मौसम (Space Weather) के हालात बन सकते हैं जो पृथ्वी और उसके ऊपर के आसमान पर गहरा असर डाल सकते हैं. वहीं पृथ्वी के ऑरोर को देखने से पता चल सकता है कि भविष्य में इस तरह के तूफान कैसे आ सकते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
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