हमारे सौरमंडल (Solar system) से दूर भी बहुत से सौरमंडल हैं उनमें कई ग्रह (Planets) ऐसे हैं जिनकी अपने सूर्य (Sun) से दूरी ऐसी है जिससे वहां जीवन पनपने लायक स्थिति बनने या होने की संभावना रहती है. हमारे वैज्ञानिकों की इन बाह्यग्रहों (Exoplanet) के अध्ययन में खासी रुचि होती है. ताज शोध से पता चला है कि इन ग्रहों के तारों से निकली ज्वालाएं (Stellar Flares) प्रभावी तौर पर इन ग्रहों में जीवन की संभावनाओं (Habitability) को खत्म करती हैं. . (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
आबू धाबी की न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (NYUAD) में सेंटर फॉर स्पेस साइंस के शोधकर्ता वैज्ञानिक दीमित्रा आतरी की अगुआई में हुए शोध मे शोधकर्ता ने यह पता लगाया है कि वे कौन से तारे(Stars) हैं जिनके जीवन की संभावना वाले बाह्यग्रह (Exoplanets) हो सकते हैं. यह पड़ताल शोधकर्ताओं ने इस ग्रहों के वायुमंडल (Atmosphere) के अपरदन (Erosion) दर की गणना करते हुए की. . (प्रतीकात्मक तस्वीर: NASA)
स्टेलर फ्लेयर्स वर्सेस लूमिनॉसिटी: XUV-इंड्यूस्ड एटमॉस्फियरिक एस्केप एंड प्लैनिटरी हैबिटेबिलिटी शीर्षक वाला यह शोद जर्नल मंथली नोटिसेस ऑफ रायल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी में प्रकशित हुआ है. इस शोध में आतरी और स्तानक छात्र शेन कैरबेरी मोगन ने नासा (NASA) के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) वेधशाला के आंकड़ों से ज्वाला उत्सर्जन (Flare emission) के विश्लेषण की प्रक्रिया बताई है. (तस्वीर: NASA’s Goddard Space Flight Center)
शोधकर्ताओं ने पाया कि बार बार लेकिन कम ऊर्जा वाली ज्वालाओं (Flares) का बाह्यग्रह (Exoplanets) के वायुमंडल में कम बार, लेकिन उच्चा ऊर्जा ज्वालाओं की तुलना में अधिक प्रभाव होता है. शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि कैसे तारों की अलग तरह के एक्ट्रीम अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन (XUV) और पास के ग्रह तारों की ज्वालओं से प्रभावित होती हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
किसी वायुमंडल (Atmosphere) का कायम रहना एक आवासयोग्य ग्रह (habitable planet) के सबसे जरूरी शर्तो में से एक है. यह अध्ययन बाह्यग्रहों (Exoplanets) के जीवन के लिए अनुकूलता पर नई रोशनी डाल रहा है. इसकी एक वजह यह रही है कि तारों की गतिविधियों के प्रभाव को सही तरह से नहीं समझा गया है. वायुमंडल की किसी ग्रह पर कायम रह पाने के कई कारण होते हैं. पृथ्वी (Earth) पर वायुमंडल के साथ भी ऐसा ही है जिसमें उसके मैग्नेटिक फील्ड और ओजोन परत की भी भूमिका है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
यह अध्ययन वायुमंडलीय निकास ( Atmospheric Escape) न्यूमेरिकल मॉडलिंग की बेहतर समझ को भी रेखांकित करता है. वायुमंडलीय निकास के जरिए किसी ग्रह (Planet) से उसके वायुमंडल की गैसों का अंतरिक्ष में जाने का अध्ययन किया जाता है. क्योंकि इससे वायुमंडल का अपरदन होता है और अंततः ग्रह की जीवन की अनुकूलता (Habitability) कम होने लगती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
आतरी का कहना है, “बाह्यग्रहों (Exoplanets) के तारों के पास होने से, यह समझना जरूरी है कि कैसे इस तारों से जुड़ा हुआ अंतरिक्ष का मौसम इन बाह्यग्रहों की जीवन की अनुकूलता (habitability) की संभावना को प्रभावित करता है. इस शोध में अगला कदम हमारे आंकड़ों को बड़े और विविध तारों की ज्वालाओं (Stellar flares) का विश्लेषण करना होगा जिससे तारों की गतिविधियों को दीर्घावधि प्रभाव देखा जा सकता है. इस तरह हमें और ज्यादा जीवन के अनुकूलता वाले ग्रहों की तलाश करेंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)