अगले 24 घंटे में मौसम विभाग ने तूफान एमफन (Cyclone Amphan) आने की चेतावनी दी है. इससे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, समेत 08 राज्यों पर असर पड़ेगा. ये तूफान थाईलैंड और अन्य देशों के आसपास बनने की खबर है. जहां तक इसके नाम एमफन की बात है तो ये नाम थाईलैंड ने बहुत पहले रख दिया था. (सांकेतिक तस्वीर)
इससे पहले जब पिछले साल गुजरात में एक तूफान आया था तो उसका नाम वायु दिया गया था. तूफान आने से पहले ही उसका नाम कैसे रख दिया जाता है. ये ढेर सारे सवाल अक्सर लोगों के जेहन में आते हैं. तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं. जैसे वायु चक्रवात का नाम कैसे पहले ही रखा गया. जैसे ही पता लगा कि अरब सागर में एक तूफान उठ रहा है और गुजरात से टकराएगा. तुरंत इसे वायु के नाम से संबोधित किया जाने लगा.
इससे पहले तूफान बंगाल की खाड़ी से उठा था, जिसका नाम फानी था. जिसकी वजह से भारत को ओडिशा में करीब साढ़े नौ हजार करोड़ की क्षति हुई थी. इससे पहले वर्ष 2017 में ओखी तूफान 2017 में आया. पिछले साल तितली और गाजा नाम के तूफान से भारत का पाला पड़ा. दुनिया में जो भी तूफान आते हैं. उनके नाम पहले ही रख दिए जाते हैं. मसलन अगर कोई उत्तरी हिंद महासागर से उठ रहा है तो उसके नाम उत्तरी हिंद महासागर में मौजूद आठ देश रखते हैं, जो इस महासागर से जुड़े हुए हैं. ये नाम तय करके वो वर्ल्ड मेटेयोरोलिजकल आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) को भेज देते हैं, जो तूफान आने पर उन नामों का इस्तेमाल करता है. इन एशियाई मुल्कों में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं.
मसलन पिछले तूफान फानी का नाम बांग्लादेश ने रखा था लेकिन वायु नाम भारत ने रखा है. वायु का मतलब होता है हवा. यानि उत्तर हिंद महासागर में उठने वाले तूफान के नाम बारी बारी से हर देश द्वारा प्रस्तावित नामों के आधार पर रखे जाते हैं. पिछले साल जिस तितली तूफान ने आंध्र और ओडिशा में तबाही मचाई थी, उसका नाम पाकिस्तान ने रखा था. उसी 2017 में आए तूफान ओखी का नाम थाईलैंड का दिया हुआ है, इस तूफान तमिलनाडु और केरल में तबाही साबित हुआ था.
ये सभी नाम हर देश इस तरह रखता हो कि उससे इन तूफानों को याद किया जा सके. उसके नामों को वो नेचर के हिसाब ऐतिहासिक घटनाओं या नामों से जोड़कर देते हैं. कई बार ये देवताओं, कई बार महिलाओं और कई बार प्रकृति के भयंकर रूपों के आधार पर रखे जाते हैं.
वायु तूफान की ताकत कैसी है - ये तूफान अभी 155 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आग बढ़ रहा है. इसकी गति गुजरात के तटों तक पहुंचते हुए और तेज भी हो सकती है. माना जा रहा है कि इसका गुजरात के करीब दस जिलों पर पड़ेगा. ये भी माना जा रहा है कि ये भारत आने वाले सबसे भंयकर तूफानों में एक है.
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