डेस्टिनेशन वेडिंग की बात आए तो मशहूर बॉलीवुड हस्तियां यूरोपियन शहरों में इटली का रुख करती हैं, वहीं इटली का एक हिस्सा ऐसा भी है सिटी ऑफ शेम के नाम से जाना जाता है. इस शहर का असल नाम है मटेरा लेकिन भुखमरी, महामारियों और ऐसी ही शर्मनाक वजहों से ये हिस्सा पूरे देश पर बदनुमा दाग जैसा लगने लगा और इसी वजह से लोग शहर को उसके असल नाम से कम और सिटी ऑफ शेम के नाम से ज्यादा जानने लगे. ये शहर दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से है. हाल के कुछ सालों में इटली के लोगों ने सोने पर से जंग धोने की मुहिम छेड़ दी और अब बिजली-पानी की तंगी से जूझ रहे शहर की तस्वीर इस कदर बदल चुकी है कि आप हैरान रह जाएंगे. ये गुफाओं का शहर बन चुका है.
इटली के दक्षिण में बसा ये शहर देश के प्राचीनतम शहरों में से है, जिसे रोमन शासकों ने तीसरी शताब्दी में बसाया था. माना जाता है कि धरती पर जीवन की शुरुआत यानी पेलिओलिथिक पीरियड के साथ ही सबसे पहले इस जगह पर जीवन पनपा और फिर इंसानी रिहाइश शुरू हुई. पूरी तरह से गुफाओं में बसा होने की वजह से इसे अंडरग्राउंड सिटी के नाम से भी जाना जाता रहा. गुफाओं में और गुफाओं के ही बीच में होने की वजह से मटेरा आधुनिक सभ्यता से कोसों दूर रहा. यहां तक कि यहां के रहने वाले लोग गुफाओं में रहते और जंगली फल-मूल खाना पसंद करते.
दक्षिणी इटली के दूरस्थ कोने पर होने के कारण यहां पर बिजली, पानी और चिकित्सा सुविधाएं भी नहीं थीं. यही वजह है कि अस्सी-नब्बे के दशक तक ये शहर इतना कुख्यात हो चुका था कि इसे दुनियाभर में सिटी ऑफ शेम के नाम से जाना जाने लगा. यहां पर मच्छरों के कारण मौतें होतीं और प्रसव के दौरान मातृ और शिशु मृत्युदर भी ज्यादा थी. लोग गुफाओं में ही रहा करते और सभ्यता या विकास से उनका कोई नाता नहीं था.
1950 के बाद के सालों में लोगों का बाहरी दुनिया से साबका शुरू हुआ और मटेरा के लोग माइग्रेट करने लगे. कुछ ही सालों में लगभग 30 हजार लोग सिटी ऑफ शेम को छोड़कर जा चुके थे. बची हुई आबादी तब भी उन्हीं हालातों में रहा करती.
बाद में अपनी प्राचीनता की वजह से ये शहर फिल्मकारों को खींचने लगा. इसे येरुशलम ऑफ द वेस्ट भी कहा गया और यहीं पर पैशन ऑफ क्राइस्ट का फिल्मांकन हुआ. इसके अलावा भी उस दौर को दिखाने वाली फिल्मों के लिए बड़े फिल्मकार मटेरा आना पसंद करते.
सैलानियों की लगातार बढ़ती आवाजाही के बीच अपने देश के इस छोटे हिस्से को सुधारने की कोशिश शुरू हुई और आज ये विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. साल 1993 में यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित कर दिया, जिसके बाद से इसकी दशा और सुधरी. अब गुफाओं के इस शहर में जाने वाले लोग गुफा में ही रहते, खाते और सोते हैं. साथ ही गुफाओं के भीतर भित्तिचित्र भी देखने लायक हैं जो स्थानीय लोगों के ही बनाए हुए हैं.
एक वक्त पर सिटी ऑफ शेम के नाम से जाने जाने वाले शहर मटेरा को इस साल इटली की सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है, जहां देशभर के कलाकार सालभर शिरकत करेंगे. यहां की प्राचीन गुफाओं को होटलों और रेस्तरां की शक्ल दी गई और स्थानीय लोगों को ही रोजगार दिया गया है. धूसर पत्थरों से बने शहर को पैदल ही नापा जाता है ताकि प्रदूषण कम से कम हो और प्राचीन गुफाओं को नुकसान न हो.
फिलहाल इस शहर की सबसे खास बात ये है कि यहां पर्यटक केवल 22 डॉलर यानी 1,526 रुपए देकर दक्षिणी रोम की अस्थायी नागरिकता पा सकते हैं और इस शहर में पूरे सालभर बिना किसी खौफ के रह और घूम सकते हैं.
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