विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के साथ ही विजय माल्या देश के पहले अपराधी बन गए हैं, जिनके खिलाफ नए आर्थिक कानून के तहत कार्रवाई होगी. साल 2008 में दुनिया के हजार सबसे अमीर लोगों में शुमार माल्या उसी साल भारत में वे 50 अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल रहे. बाद में बैंकों के साथ लगभग 9400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगने पर माल्या लंदन भाग गए. माल्या के पास की संपत्ति किसी राजा की संपत्ति से कम नहीं. जानिए, भगोड़े माल्या के पास भारत में कितनी निजी संपत्ति है.
किंशफिशर विला- गोवा के कंडोलियम बीच में समुद्र के ठीक सामने की यह विला बेहद शानदार बताई जाती है. इसकी कीमत लगभग 90 करोड़ रुपये आंकी गई. यहां भीतर का सजावट मुगल और पुर्तगाली शैली की है, जो किसी राजे-महाराजे से वैभव को भी मात देती लगे.
इंडियन इंप्रेस- ये दुनिया की 33वीं सबसे बड़ी निजी यॉट यानी नाव मानी जाती है. पहले यह कतर रॉयल परिवार की संपत्ति रही, जिसे साल 2006 में माल्या ने खरीद लिया. इसके बाद से ये याट माल्या की बेहद आलीशान और विवादित पार्टियों के लिए जानी जाती रही.
किंशफिशर ब्रांड- साल 2016 के अप्रैल में इस विमान सर्विस की नीलामी की कोशिश की गई, ताकि बैंक अपना बकाया वसूल सके, लेकिन ये संपत्ति किसी ने भी नहीं खरीदी. इस संपत्ति की कीमत लगभग पौने चार सौ करोड़ है, जिसमें किंगफिशर का बहुचर्चित लोगो और उसकी टैगलाइन Fly the Good Times भी शामिल है.
रोल्स रॉयस घोस्ट- दुनिया की चुनिंदा दुर्लभ कारों में शुमार ये कार विजय माल्या की बेहद खास चीजों में से रही. इसकी कीमत भी करोड़ों में आंकी जाती है. इसके अलावा भी माल्या के कलेक्शन में एक से बढ़कर एक कारें जैसे जगुआर, जगुआर XJR15 रेस कार, फेरारी शामिल हैं.
यूनाइटेड स्प्रिट्स- यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड दुनिया का दूसरी बड़ी शराब कंपनी मानी जाती है, जो माल्या की संपत्तियों में से एक है.
यूबी सिटी- यूनाइटेड ब्रुअरीज होल्डिंग्स लिमिटेड बैंगलोर में एक रेसिडेंशियल और शॉपिंग मॉल प्रोजेक्ट है, जिसकी कीमत 15 सौ करोड़ के आसपास लगाई मानी रही है. नोटबंदी से पहले इसकी कीमत और भी ज्यादा आंकी जा रही थी.
किंगफिशर हाउस, मुंबई- मूल कीमत यानी लगभग 115 करोड़ में से भी 15 प्रतिशत की कटौती के बावजूद इस मकान की तीसरी बार नीलामी रुकी क्योंकि इसका कोई खरीददार नहीं मिल सका. ये भी विजय माल्या की आलीशान संपत्ति का हिस्सा रही, जिसके बारे में माना जाता है कि भीतर जाने पर मैप न देखने वाला खो जाता है.