बच्चे का जन्म दुनियाभर में खुशियों का माना जाता है. हालांकि इस मौके को मनाने का सबका अंदाज अलग-अलग है. कई समुदायों में इस दौरान निहायत ही अजीबोगरीब रस्में होती हैं. ये मॉडर्न माने जाने वाले देशों में भी है. माना जाता है कि पुराने समय से चली आ रही रस्मों से बच्चे का सदका लिया जाता है और इस तरह से उसे आने वाली सारी परेशानियों से बचाया जा सकता है. जानिए, किस देश का कौन-सा समुदाय कैसे मनाता है बच्चों के जन्म को. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
चीन में नई मां को बच्चे के साथ पूरे 30 दिन अलग रहना होता है. इस दौरान उसपर केवल घर से बाहर निकलने की ही मनाही नहीं, बल्कि कच्चे फल खाना और यहां तक कि नहाना भी मना होता है. इस महीने को चीनी भाषा में Zuo yuezi कहते हैं. चीन में ये रस्म लगभग 2000 साल से भी ज्यादा पुरानी है लेकिन अब भी वहां परिवार इसे मनाने के लिए उतने ही सख्त हैं. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
इंडोनेशिया के द्वीप बाली में और भी शामत लाने वाली रस्म है. इसके मुताबिक बच्चे को पहले 3 महीने जमीन को छूने भी नहीं देना है या किसी तरह से जमीन के संपर्क में नहीं आना है. ऐसे में मां बच्चे को पूरे समय गोद में या बिस्तर पर रखे रहती हैं. वैसे मान्यता है कि जमीन से दूर रखकर बच्चे का दूसरी दुनिया से संपर्क बना रहता है. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
नाइजीरिया और घाना में मां की गर्भनाल, जो बच्चे से जुड़ी होती है, उसके लिए शोक मनाने का रिवाज है. इन अफ्रीकन देशों में प्लेसेंटा यानी गर्भनाल को बच्चे का जुड़वा भाई या बहन माना जाता है और बाकायदा पूरी रस्मों के साथ उसे दफनाने की प्रक्रिया होती है. ये सब एक पेड़ के नीचे होता है. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
दक्षिण -पश्चिम अमेरिका के नवाजो कल्चर में बच्चे के पहली बार हंसने को काफी बड़ी बात मानते हैं. मान्यता है कि पहली बार शिशु हंसता है, तब वो दूसरी दुनिया से इस दुनिया में कनेक्ट हो जाता है. इस मौके पर जिसकी गोद में या जिसकी भी वजह से शिशु हंसे, उसे शानदार पार्टी देनी होती है. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
जापान में बच्चे की गर्भनाल का बहुत महत्व है. वे मानते हैं कि ये एक मां से जुड़ा प्रतीक है इसलिए इसे सम्मान मिलना चाहिए. यही वजह है कि वहां गर्भनाल अलग होने के बाद उसे फेंका नहीं जाता, बल्कि लाख के डिब्बों में सहेजकर रखते हैं. जापानी भाषा में इसे heso-no-o यानी पेट की पूंछ कहते हैं. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
पड़ोसी देश तिब्बत में बच्चे के जन्म के साथ ही घर के बाहर दो बड़े-बड़े बोर्ड टंगा दिए जाते हैं. एक बोर्ड पर कुछ ऐसा लिखा होता है, जो बच्चे को बुरी ताकतों से बचाता है. वहीं दूसरे बोर्ड पर अच्छी आत्माओं को बच्चे की रक्षा के लिए बुलाया जाता है. जन्म के तीन दिन बाद ही यहां जन्मोत्सव होता है. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
इसी तरह से एक लोकप्रिय आयरिश परंपरा के तहत कपल की शादी के केक का एक हिस्सा बच्चे के जन्म के बाद के सेलिब्रेशन के लिए बचाकर रखा जाता है. इस केक को कहा ही जाता है-'फर्टिलिटी' व्हिस्की फ्रूट केक. इसकी ऊपरी परत बचाकर रखी जाती है और पहले बच्चे के जन्म के बाद नामकरण के दौरान उस केक के सूखे टुकड़ों की बच्चे पर बौछार होती है. माना जाता है कि इससे बच्चे के जीवन में हरदम खुशियों की बारिश होगी. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
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