अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US President Election) में हार, हार की हताशा में व्हाइट हाउस शांतिपूर्ण ढंग से न छोड़ना, जाते जाते कैपिटल हिल हिंसा (Capitol Hill Violence) के आरोप और दूसरा महाभियोग... पिछले करीब तीन महीनों में डोनाल्ड ट्रंप की इमेज को न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया भर में काफी झटका लगा है. इन तमाम निगेटिव खबरों के बीच राहत की बात यही रही कि सीनेट ने उनके खिलाफ आरोप को तवज्जो नहीं दी और महाभियोग (Trump Impeachment) नाकाम हो गया. ऐसे माहौल में ट्रंप इस हफ्ते कंज़र्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में स्पीच देने वाले हैं, तो सबकी नज़रें उन पर हैं.
खबरों की मानें तो ट्रंप के उपराष्ट्रपति रहे माइक पेंस ने इस कार्यक्रम में भाषण देने से मना कर दिया है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में सूत्रों के हवाले से ये खबरें आ रही हैं कि ट्रंप अपने स्पीच में क्या कहने की मंशा रखेंगे. खुद को 2024 के लिए रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करने के अलावा ट्रंप पार्टी के भविष्य को लेकर भी कुछ अहम बातें कर सकते हैं, ऐसा माना जा रहा है. यह इसलिए भी अहम इवेंट होगा क्योंकि पिछले दिनों ट्रंप अपनी ही पार्टी के कुछ विरोधी नेताओं पर नाराज़गी का इज़हार कर चुके हैं.
लेकिन इन अटकलों से अलग ट्रंप के प्रवक्ता जैसन मिलर के हवाले से खबरें कह रही हैं कि ये सब मनगढ़ंत बातें हैं, उनका मकसद सबसे पहले 2022 में सीनेट और प्रतिनिधि सभा में जीत हासिल करने की तरफ है. कहा गया है कि अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी के चक्कर में दुनिया के कुछ देशों और महत्वपूर्ण संस्थाओं से अमेरिका को अलग कर देने वाले ट्रंप अपने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन एजेंडे को लेकर नए सिरे से आक्रामक तेवर दिखा सकते हैं.
एक्सिओज़ ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि ट्रंप अपने स्पीच में स्पष्ट रूप से तेवर दिखा सकते हैं कि भले ही मेरे पास ट्विटर या व्हाइट हाउस न हो, लेकिन अब भी मैं ही शहंशाह हूं. इसी रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के सलाहकार उनके लिए आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं और 2022 मिडटर्म की तैयारी ज़ोरों पर है. यह भी कहा गया है कि ट्रंप अपने समर्थक कैंडिडेटों के लिए अच्छा खासा पैसा लुटाने का भरोसा भी देने के मूड में हैं.
ट्रंप के करीबियों के हवाले से कहा गया है कि इस स्पीच में साफ तौर पर शक्ति प्रदर्शन होगा और यह बताया जाएगा कि रिपब्लिकन पार्टी का मतलब ट्रंप पार्टी ही है. इससे पहले कुछ खबरों में कहा गया था कि ट्रंप को सलाह दी गई है कि पार्टी के वोटर पार्टी के भीतर खुले झगड़े की अपेक्षा नहीं कर रहे हैं. इसलिए सलाहकारों ने कहा है कि ट्रंप इस मंच से मौजूदा राष्ट्रपति बाइडेन और अन्य डेमोक्रेट नेताओं पर हमला बोलें, न कि अपनी ही पार्टी के नामों को उछालें.
यह भी खास बात है कि महाभियोग से बचे ट्रंप के खिलाफ सिविल और क्रिमिनल आरोपों की जांच चल रही है और पद जाने के बाद उनकी इससे बचना मुश्किल कहा जा रहा है. ऐसे में, ट्रंप के तेवर क्या रंग लाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन यहां एक सवाल यह भी है कि रिपब्लिकन पार्टी के वोटरों के बीच अन्य नेताओ की तुलना में ट्रंप अब भी लोकप्रिय हैं? देखिए इस सवाल का जवाब कैसे तय करता है कि ट्रंप के स्पीच की अहमियत क्या है.
ट्रंप की पकड़ को लेकर रिपब्लिकन समर्थकों के बीच एक सर्वे यूएसए टुडे ने बीते रविवार को प्रकाशित किया, जिसके मुताबिक ट्रंप के 46% वोटरों ने माना कि ट्रंप नई पार्टी बनाएं तो वो उनके साथ होंगे, जबकि 42% ने कहा कि महाभियोग के बाद वो ट्रंप के और भी मज़बूत समर्थक हुए. इस सर्वे के मुताबिक ट्रंप के 58% समर्थक यही विश्वास करते हैं कि कैपिटल हिल हिंसा के लिए ट्रंप कतई ज़िम्मेदार नहीं थे, यह उनके खिलाफ एक साज़िश थी. साफ है कि रिपब्लिकन पार्टी के लिए ट्रंप का पहला पोस्ट व्हाइट हाउस भाषण कितना अहम होगा.