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क्या है वो पॉक्सो एक्ट, जिसके तहत कुलदीप सेंगर को मिलेगी कड़ी सजा

दिल्ली की तीस हजार कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दो धाराओं के तहत दोषी ठहराया है. उसमें एक POCSO अधिनियम की धारा 5 भी है. जानते हैं क्या पॉस्को कानून और इसके तहत क्यों और कितनी सजा मिलती है. पॉस्को के तहत आजीवन कारावास से लेकर मौत की सजा तक का प्रावधान भी है. ये आमतौर पर बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों को लेकर खासी गंभीर धारा है

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दिल्ली की तीस हजार कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दो धाराओं के तहत दोषी ठहराया है. उसमें एक POCSO अधिनियम की धारा 5 भी है. जानते हैं क्या पॉस्को कानून और इसके तहत क्यों और कितनी सजा मिलती है.

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बच्चों के साथ यौन अपराधों की बढ़ती संख्या से चिंतित सरकार ने वर्ष 2012 में एक विशेष कानून बनाया था. जो बच्चों को छेड़खानी, बलात्कार और कुकर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है. इस कानून का नाम पॉक्सो एक्ट है. (सांकेतिक तस्वीर)

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पास्को एक्ट का मतलब - पॉक्सो शब्द अंग्रेजी से आता है. इसका मतलब है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012. इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई होती है. ये एक्ट बच्चों को सेक्सुअल उत्पीड़न, सेक्सुअल हमला और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है.

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क्या होती है सजा - वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. जिसका कड़ाई से पालन किया जाना भी तय किया गया है.

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इस अधिनियम की धारा 4 में वो मामले आते हैं, जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म या कुकर्म किया गया हो. इसमें सात साल सजा से लेकर उम्रकैद और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है.गंभीर सेक्सुअल हमले या कुकर्म धारा पांच के तहत आते हैं, इसमें आजीवन सजा भी दी जा सकती है.

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पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के अधीन वो मामले आते हैं, जिसमें बच्चों को दुष्कर्म या कुकर्म के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो. इसकी सजा दस साल से लेकर उम्रकैद तक है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. पॉक्सो अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले आते हैं, जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है. इसके धारा के आरोपियों पर दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है.

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इस ऐक्ट की धारा 4, धारा 5, धारा 6, धारा 9, धारा 14, धारा 15 और धारा 42 में संशोधन किया गया है. धारा 4, धारा 5 और धारा 6 में संशोधन के बाद अब अपराधी को इस ऐक्ट के तहत मौत की सजा दी जा सकती है.

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कड़ी सजा का प्रावधान -पॉक्सो एक्ट की धारा 3 के तहत पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट को भी परिभाषित किया गया है. जिसमें बच्चे के शरीर के साथ किसी भी तरह की हरकत करने वाले शख्स को कड़ी सजा का प्रावधान है.

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18 साल से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है. यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है. इस कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों की सुनवाई विशेष अदालत में होती है.

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तो ये मामला और संगीन हो जाता है-अगर बच्चा मानसिक रूप से बीमार है या बच्चे से यौन अपराध करने वाला सैनिक, सरकारी अधिकारी या कोई ऐसा व्यक्ति है, जिस पर बच्चा भरोसा करता है, जैसे रिश्तेदार, पुलिस अफसर, टीचर या डॉक्टर, तो इसे और संगीन अपराध माना जाएगा.

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    क्या है वो पॉक्सो एक्ट, जिसके तहत कुलदीप सेंगर को मिलेगी कड़ी सजा

    दिल्ली की तीस हजार कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दो धाराओं के तहत दोषी ठहराया है. उसमें एक POCSO अधिनियम की धारा 5 भी है. जानते हैं क्या पॉस्को कानून और इसके तहत क्यों और कितनी सजा मिलती है.

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