दुनिया में अगर हमें अपने देश को बेहतर बनाना है तो दूसरे बेहतर मुल्कों से सीख लेनी होगी. बढ़ता प्लास्टिक कचरा, ई-वेस्ट और बढ़ती ऊर्जा की खपत पर लगाम लगाने के लिए हमें नीदरलैंड्स से सीखना होगा.
बढ़ते प्लास्टिक के कचरे पर लगाम लगाने के लिए नीदरलैंड्स ने बेकार प्लास्टिक से रोड़ बनानी शुरू कर दी है. वहां साइकिल चालकों के लिए बनाई रोड़ पर 50 हजार प्लास्टिक के इस्तेमाल किया गया.
नीदरलैंड्स में मौजूद कंपनी फेयरफोन ने ऐसे स्मार्टफोन बनाने शुरू किए हैं, जो पूरी तरह रि-साइकिल किए जा सकते हैं. इस कंपनी में बने कल-पुर्जे कभी ई-वेस्ट में तब्दील नहीं होते हैं.
बिजली की खपत को कम करने के लिए नीदरलैंड्स में ऐसी इमारतें बनाई जा रही हैं, जो सौर ऊर्जा पर निर्भर हैं. सूरज की रोशनी से इमारतों में मौजूद मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक कार रिचार्ज की जाती हैं. ऐसी इमारतों में बिजली की खपत दूसरी इमारतों की तुलना में 70% कम है
रि-साइकिलिंग के मामले में नीदरलैंड्स पूरे यूरोप में एक नंबर पर है. इस देश का लक्ष्य है कि 2050 तक पूरी तरह कार्बन न्यूट्रल बनाना यानि कार्बन उत्सर्जन शून्य तक ले जाना. नीदरलैंड्स के प्रयासों से हमें सीखना चाहिए.
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