त्रिपुरा में चुनाव के दौरान राजपरिवार के युवा महाराजा प्रद्योत विक्रम किशोर मानिक्य देब बर्मा सबका ध्यान खींच रहे थे. उन्होंने चुनाव से पहले त्रिपुरा में नई पार्टी बनाई, जिसका नाम था तिपरा मोथा यानि त्रिपुरा इंडीजेनस प्रोग्रेसिव रीजनल अलायंस. चुनाव परिणामों ने जाहिर किया है कि अब वह राज्य में बड़ी सियासी ताकत हैं. जानते हैं त्रिपुरा के महाराजा के बारे में
44 के प्रद्योग त्रिपुरा राजपरिवार के मौजूदा मुखिया हैं. एक जमाने में वह कांग्रेस पार्टी में थे. वर्ष 2019 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. कुछ समय पहले उन्होंने राज्य में नई पार्टी तिपरा मोथा बनाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. युवा, स्मार्ट और भाषण देने में वाकपटु प्रद्योग त्रिपुरा में खुद को लेकर वोटर्स में खासा आकर्षण भी पैदा किया. त्रिपुरा के जो चुनाव परिणाम आ रहे हैं, उसमें साफ नजर आ रहा है कि वहां बीजेपी फिर सरकार बना रही है लेकिन महाराजा की पार्टी ने भी पहले चुनाव में एक बड़ी ताकत के तौर पर खुद को पेश तो कर ही दिया है. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
त्रिपुरा के राजा कहे जाने वाले प्रद्योत आमतौर पर त्रिपुरा में जहां जनसभाएं कीं, वहां भारी पैमाने पर भीड़ पहुंची. उन्होंने साफतौर पर खुद को राज्य के आदिवासी जनजाति के लोगों से एक कनेक्ट बनाने का काम किया. इसमें कोई शक नहीं त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर वो आदिवासी जनजाति के लोग रहते हैं. वो राजा को लेकर एक साफ्ट कार्नर तो रखते हैं. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
कायस्थ राजवंश से ताल्लुक रखने वाले महाराजा प्रद्योग विक्रम डार्क चश्मा लगाते हैं और अब आमतौर पर उनकी पोशाक कुर्ता पैजामा हो गई है. वह फेसबुक से लेकर दूसरे सोशल मीडिया पर भी लोगों से जुड़ना बखूबी जानते हैं. फेसबुक पर लगातार अपनी तस्वीरें पोस्ट करते हैं. अपने विरोधियों को ये चुनौती भी देते हैं कि ये ना समझें कि राज्य की राजनीति में वह किनारे हो गए हैं. वह कहते हैं कि बेशक जीत हार तो लगी रहेगी लेकिन वह अपने लोगों के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे. उन्हें स्थानीय भाषा में राजा होने के नाते बुराग्रा कहा जाता है. वह जनसभाओं में लगातार ये कहते रहे, ये बुबाग्रा केवल आपका है कभी नहीं बिकेगा. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
त्रिपुरा राजपरिवार के प्रमुख प्रद्योत विक्रम किशोर मानिक्य देव बर्मा को आमतौर पर प्रद्योग मानिक्य के तौर पर ज्यादा जाना जाता है. उनका त्रिपुरा आदिवासियों को लेकर बनाया गया गठजोड़ दो साल पुराना है. उनकी पार्टी पहले ही प्रयास में दहाई से ज्यादा सीटें जीत रही है.उनकी सभाओं में लगातार नारे लगते थे बुबाग्रा बागवी या बुबाग्रा सभी के लिए. राज्य में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके प्रद्योत ने दिसंबर 2019 में तिपरा मोथा अलायंस खड़ा किया. वह अपनी पार्टी के गठन के बाद से मूल निवासी आदिवासियों के लिए ग्रेटर त्रिपुरालैंड की मांग करते रहे हैं. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
हालांकि चुनाव से पहले बीजेपी चाहती थी कि वह उनके साथ गठजोड़ करके चुनाव लड़ें. वह इसके लिए बातचीत के लिए दिल्ली भी गए लेकिन बात बन नहीं पाई. इस बात को वह अपनी जनसभाओं में कहना नहीं भूलते थे कि बीजेपी ने उनके ऊपर कितना दबाव डाला लेकिन वह बिकने वाले लोगों में नहीं हैं. वह हमेशा दावा करते रहे कि राज्य की राजनीति में वह बीजेपी को चुनौती देने वाले सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बनेंगे. अब चुनाव परिणाम कह रहा है कि राज्य में लेफ्ट के साथ वह भी बड़ी ताकत के तौर पर उभरे हैं. स्थानीय चुनावों और ट्राइबल आटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल इलेक्शन में भी उनके अलायंस में बढ़िया प्रदर्शन करके दिखाया है. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
प्रद्योग का जन्म दिल्ली में 04 जुलाई 1978 में हुआ था. वह त्रिपुरा में एक मीडिया हाउस भी चलाते थे. वह अगरतला से निकलने वाली मैगजीन द नार्थईस्ट टुडे के मालिक और संपादक भी थे. ये पत्रिका नार्थईस्ट प्रवासियों के बीच देखते ही देखते काफी लोकप्रिय हो गई. इसकी रीडरशिप 10 लाख पाठकों तक पहुंच गई लेकिन खुद को राजनीति में फोकस करने के लिए उन्होंने इस मीडिया प्लेटफॉर्म को बेच दिया. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
उनकी पढाई और उच्च शिक्षा शिलांग में ही हुई. वह त्रिपुरा के महाराजा किरीत विक्रम किशोर देवबर्मा के बड़े बेटे हैं. राजनीति के साथ साथ कई कल्याणकारी कामों में उनका नाम आता रहा है.खासकर राज्य में जनजाति के लोगों के विकास और उनकी संस्कृति को लेकर उन्होंने काफी काम पिछले कुछ सालों में किया. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)
उनका राजपरिवार आजादी के बाद से ही जब से त्रिपुरा भारतीय संघ में शामिल हुआ तब से राजनीति में रहा है. उनकी मां विभू कुमारी दो बार कांग्रेस की विधायक रह चुकी हैं जबकि पिता तीन बार कांग्रेस के सांसद रहे हैं. खुद प्रद्योग युवावय से ही युवा कांग्रेस से जुड़ गए. वर्ष 2019 में उनकी बहन महाराज कुमारी प्रज्ञा देवबर्मा ने त्रिपुरा ईस्ट से लोकसभा चुनाव में लड़ा. वह कांग्रेस की उम्मीदवार थीं. तब उन्होंने सक्रिय तौर पर बहन का चुनाव प्रचार किया लेकिन उन्हें बीजेपी की रेवती के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा था. (Pradyot Bikram Manikya Deb Barma facebook account)