उत्तर कोरिया में धर्म पर पाबंदी है. इसलिए वहां ज्यादातर लोग कोई धर्म नहीं मानते. हालांकि वहां पुराने धर्म जरूर हैं लेकिन उनकी गतिविधियां भी गुप्त तरीके से ही होती हैं. चर्च से लेकर मस्जिद तक सभी ना जाने कितने सालों से बंद कराई जा चुकी हैं. केवल मुस्लिम देशों के दूतावास के कर्मचारियों के लिए एक मस्जिद राजधानी प्योंगयांग में है. वहां देश का कोई नागरिक नहीं जा सकता.
कभी विकास के मामले में दक्षिण कोरिया (South Korea) से आगे रहे उत्तर कोरिया (North Korea) में सरकार का हर चीज पर नियंत्रण है. स्थिति यह है कि किम जोंग उन जो चाहते हैं वही दुनिया जानती है. देश के भीतर के हालात बेहद भयावह हैं. आम लोगों को खाने के भी लाले हैं. लग्जरी यहां राजधानी प्योंगयांग के कुछ एलीट परिवारों को छोड़कर ज्यादातर के लिए दुर्लभ चीज है. खासकर प्योंगयांग से बाहर निकलकर उत्तर क...
दरअसल उत्तर कोरिया की ये रहस्यमयी छवि काफी सालों में निर्मित हुई है और इसको गढ़ने में खुद किम जोंग उन बड़े जिम्मेदार रहे हैं. वर्तमान कम्युनिस्ट उत्तर कोरिया की बात करें तो इसे किम उल जोंग के दादा किम सुंग ने बनाया था. 1948 में जापान के कब्जे से मुक्त होने के बाद उत्तर कोरिया पर किम सुंग ने 1994 तक शासन किया. वो दुनिया में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले नेताओं में शुमार किए जाते हैं. (...
किम जोंग उन के दादा किम सुंग ने 1948 में कम्युनिस्ट उत्तर कोरिया की स्थापना की थी. वो 46 सालों तक देश के शासक रहे. उसी दौर में मीडिया पर सरकार का प्रचंड नियंत्रण शुरू हो चुका था.सोवियत के जबरदस्त समर्थक और कम्युनिस्ट उत्तर कोरिया के शासक सुंग ने देश को प्लान्ड इकॉनमी दी. वह लगातार धर्म को अफीम बताते हुए उस पर बड़े बड़े लेख लिखते थे. (north korea)
सुंग के बाद उनके बेटे किम जोंग इल 1994 से लेकर 2011 में अपनी मौत तक देश के शासक रहे. फिर आया किम जोंग उन का शासन काल. किम वंश के शासनकाल में धर्म को मानना अघोषित तौर पर उत्तर कोरिया में गुनाह है. इसलिए वहां की 75 फीसदी के आसपास की आबादी धर्म को मानती ही नहीं. वह खुद को नास्तिक कहती है. (north korea)
उत्तर कोरिया खुद को नास्तिक देश मानता है यहां कोई आधिकारिक धर्म भी नहीं है. सार्वजनिक तौर पर भी धर्म और पंथ को हाशिए पर रखा जाता है. पूरे देश में कहीं कोई धार्मिक स्थल नहीं आमतौर पर नहीं खुलते. ना ही कोई आयोजन करने की अनुमति है. छोटे समुदायों में चोंदोइज्म, समानिज्म, ईसाई, बौद्ध और जनजातीय धर्म हैं लेकिन बहुत कम संख्या में. वो अपनी धार्मिक गतिविधियों का सार्वजिनिक प्रदर्शन नहीं कर सकते....
उत्तर कोरिया में केवल एक ही मस्जिद है, वह ईरान दूतावास में निचली मंजिल पर है. उसे खोलने की अनुमति भी केवल इसलिए मिली कि जितने मुस्लिम देशों के दूतावास या आफिस उत्तर कोरिया में हैं, उसके लोग वहां जाकर नमाज अता कर सकें. देश के किसी भी नागरिक का वहां जाना मना है.
नॉर्थ कोरिया के कानून के मुताबिक महिलाओं के लिए 28 और पुरुषों के लिए 10 तरह के हेयर स्टाइल है यहां के नागरिकों को इस कानून का पालन करना पड़ता है. कानून के तहत ही अपना हेयर स्टाइल रखना पड़ता है. इस देश के आम नागरिकों को कार खरीदने पर भी पाबंदी है. नॉर्थ कोरिया में सिर्फ सरकारी और अमीर हस्तियां ही कार खरीद सकती हैं. (north korea)
नागरिकों को जींस पहने की मनाही है. जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं और अगर कोई नागरिक इस नियम को नहीं मानता और नियम के खिलाफ जाता है तो उसे कड़ी सजा दी जाती है. अगर किसी जुर्म में लिप्त पाया जाता है. उसका जुर्म सिद्ध हो गया तो उसे तो सजा मिलती ही है साथ ही उसकी आने वाली तीन पीढ़ियों को यह सजा भुगतनी पड़ती है.(north korea)
एक के बाद एक मिसाइल बनाने वाले और परमाणु बम का परीक्षण करने वाले उत्तर कोरिया की आर्थिक हालत बेहद खराब है. हजारों की संख्या में वैचारिक विरोधी जेल में सड़ रहे हैं. आम व्यक्ति की जिंदगी के हर पक्ष पर सरकार का कब्जा है. बाल मजदूरी उत्तर कोरिया में सबसे आम प्रचलन की बुराई है. बड़ी संख्या में बच्चों को खेतों में काम करना पड़ता है.(north korea)
बिजनेस इनसाइडर पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक देश का ज्यादातर आर्थिक उत्पादन बंधुआ मजदूरी पर आधारित है. बच्चों में कुपोषण सबसे बड़ी समस्या है. एक डेटा के मुताकि देश में 5 साल से कम उम्र के करीब 28 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. भुखमरी और गरीबी का आलम ये है कि देश की करीब 41 प्रतिशत आबादी कुपोषित है. (north korea)