व्हाइट हाउस (White House) से 20 जनवरी को विदा हुए डोनाल्ड ट्रंप के बारे में अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी का एक धड़ा मानता है कि पार्टी में अब भी उनका आधार है, तो दूसरे के हिसाब से अगले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2024) में ट्रंप के दावे पर सवालिया निशान हैं. जो बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से ही यह चर्चा है कि 74 वर्षीय ट्रंप क्या अगले चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करेंगे? यह भी कहा गया कि ट्रंप नई पार्टी (Trump Party) बनाने के बारे में सोच रहे हैं! ऐसी खबरों, अफवाहों और अंदेशों पर ट्रंप का क्या कहना है?
ओरलांडो में कंज़र्वेटिव सियासत के एक सम्मेलन में ट्रंप ने अपने भाषण की शुरूआत ही यह कहकर की नई पार्टी बनाने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी मेरी अपनी ही है. इस क़यास को तो ट्रंप ने गलत ठहरा दिया कि वो अलग पार्टी बनाने जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कई दिनों से वो बाइडेन प्रशासन की खामियों और फेलियर पर नज़र रखे हुए थे इसलिए रिपब्लिकन पार्टी में ज़्यादा दिखाई नहीं दिए. अब रही बात कि क्या वो अगला चुनाव लड़ने के मूड में हैं!
राष्ट्रपति चुनाव 2024 के बारे में ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेट पार्टी को मैं तीसरी बार भी हराने वाला हूं. अब इस बयान को तरह तरह से समझा जा रहा है कि लेकिन ज़्यादा तार्किक ढंग यही है कि 2016 में ट्रंप की जीत और 2020 में जीत के झूठे दावों को ट्रंप ने यहां हवाले के तौर पर इस्तेमाल करते हुए 2024 को तीसरी जीत के तौर पर बयान में शुमार किया. ट्रंप के दावे अपनी जगह, लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि इस दावेदारी से ट्रंप की ही पार्टी खुश है या खफ़ा?
ट्रंप के अगले चुनाव लड़ने की घोषणा को रिपब्लिकन पार्टी के लिए बुरी खबर बताते हुए जर्मन मीडिया के डैश विले ने लिखा कि रिपब्लिकनों को उम्मीद रही होगी कि ट्रंप स्वेच्छा से पार्टी से हट जाएंगे और पार्टी के भीतर उनकी वजह से जो गुटबाज़ी चल रही है, वो खत्म हो सकेगी. यह भी लिखा गया कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद पहले भाषण में ट्रंप ने यह सब कहा, वो कॉन्फ्रेंस पिछले सालों की तुलना में इस बार नीरस और खाली रही. मीडिया अपनी जगह, लेकिन जानना यह चाहिए कि क्या सच में ट्रंप अपना आधार खो चुके हैं!
क्विनिपिएक यूनिवर्सिटी ने हाल में जो पोल करवाया, उसके मुताबिक रिपब्लिकन पार्टी के भीतर के 75% लोग पार्टी को आगे ले जाने के लिए ट्रंप की सशक्त भूमिका चाहते हैं. बावजूद इसके कि ट्रंप दो महाभियोगों, झूठे दावों, कोरोना वायरस रोकथाम के मोर्चे पर फेलियर और कैपिटल हिंसा विवाद में बदनाम हो चुके हैं, पोल का कहना है कि पार्टी पर उनका होल्ड अब भी बरकरार है. अमेरिका के सियासी भविष्य में ट्रंप इसलिए भी अहम हैं क्योंकि हाल में उन्होंने यह भी दावा किया कि 2022 में अमेरिकी कांग्रेस पर उनकी पार्टी का वर्चस्व होगा.