कछुआ की बहुत सी प्रजातियां होती हैं, इसी में एक प्रजाति होती है लियोपर्ड कछुआ. इसके ऊपर वैसी ही चित्तियां होती हैं, जिस तरह तेंदुए पर. ये कछुआ प्रजाति का बड़े आकार वाला और आकर्षक जंतु होता है. आमतौर पर ये दक्षिणी अफ्रीका में पाया जाता है. इसे कछुओं में सबसे तेज माना जाता है. इसकी स्पीड 0.28 मीटर प्रति सेकेंड होती है यानि आप कह सकते हैं कि एक सेकेंड में ये एक फीट की दूरी कर लेता है.(wiki commons)
इस प्रजाति के बर्टी नामक के कछुए ने ब्रिटेन में कछुओं की दौड़ में 09 जुलाई 2014 को ये कर दिखाया और उसे सबसे तेज कछुए का तमगा मिला. वैसे बर्टी एक स्थलीय कछुआ है. यानि टॉरट्वाएज, ये आमतौर पर जमीन पर ही रहते हैं. कुछ कछुए जमीन और पानी दोनों में रहते हैं. उन्हें टर्टल कहते हैं. आप कह सकते हैं कि सभी टॉरट्वाएज टर्टल ही होते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं कि सभी टर्टल भी टॉरट्वाएज हों.(wiki commons)
वैसे एक व्यस्क कछुआ 140 मीटर की दूरी करीब 25 मिनट में तय करता है यानि 0.2 मील प्रति घंटा. बोग कहे जाने वाले टर्टल एक दिन में 17 मीटर की दूरी तय कर सकते हैं.हालांकि तैरने में इनकी गति तेज होती है औसतन एक कछुआ 10-12 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तैर लेता है और अगर इनके जमीन पर चलने की बारी आए तो 03-04 मीटर प्रति घंटा की होती है. बिल्कुल नया पैदा हुआ कछुआ कुछ तेज होता है. वो 40 किलोमीटर या 25 मील का सफर 30 घंटे में औसतन कर लेता है.(wiki commons)
कछुओं की सबसे पहली जातियां 15.7 करोड़ वर्ष पहले हुई थीं. इस तरह कह सकते हैं कि जब धरती पर सांप और मगरमच्छ भी नहीं थे, तब कछुए थे. वैज्ञानिक उन्हें प्राचीनतम सरीसृपों मानते हैं. दुनियाभर में कछुओं की बहुत सी प्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं. केवल 327 ही अस्तित्व में हैं. वैसे कछुओं की जाति मनुष्य से बहुत ज्यादा होती है. ये 300 साल से अधिक समय तक जी सकते हैं.(ShutterStock)
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