दिल्ली NCR में सोमवार सुबह 6.28 बजे फिर से हलके भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप का सेंटर दिल्ली से 6 किलोमीटर दूर मेरठ के खरखौदा में था. भूकंप एक आपदा है जो बिना बताए आपको नुकसान पहुंचा सकती है. पृथ्वी के अंदर कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती रहती हैं. सामान्य रूप से यह प्लेटें 10-40 मिलिमीटर प्रति वर्ष की गति से गतिशील रहती हैं.
हालांकि इनमें कुछ की गति 160 मिलिमीटर प्रति वर्ष भी होती है. भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है. इस समय किसी दुर्घटना से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
2- अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें.
3- अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें.
4- मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें. अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं.कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं.
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