Advertisement

Jigar Moradabadi Birth Anniversary: 'तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं...' जिगर मुरादाबादी की जयंती पर पढ़ें ये शेर

Last Updated:

Jigar Moradabadi Birth Anniversary: 6 अप्रैल 1890 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्में अली सिकंदर को साहित्य प्रेमी जिगर मुरादाबादी के नाम से जानते हैं. 'जिगर' ने अपनी कलम के जादू से न सिर्फ लोकप्रियता बटोरी बल्कि साल 1958 में उऩ्हें साहित्य अकादमी अवार्ड से भी नवाजा गया. उनके शिष्य मजरूह सुल्तानपुरी और ज़ेहरा निगाह ने भी अपनी अलग पहचान बनाई. आज पढ़ें उनकी जयंती पर उनके लिखे मशहूर अशआर

1/6
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, <br />हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
2/6
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं, <br />कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
3/6
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं वही दुनिया बदलते जा रहे हैं
जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं, <br />वही दुनिया बदलते जा रहे हैं
4/6
तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं हाँ मुझी को ख़राब होना था
तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं, <br />हाँ मुझी को ख़राब होना था
5/6
अब तो ये भी नहीं रहा एहसास दर्द होता है या नहीं होता
अब तो ये भी नहीं रहा एहसास, <br />दर्द होता है या नहीं होता
6/6
ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं
ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा,<br />मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं (साभार-रेख़्ता)
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homelifestyle
'तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं...' जिगर मुरादाबादी की जयंती पर पढ़ें ये शेर